Author name: Prof Shiv Chandra Jha

प्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने मैथिली भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।

‘मामा यौ कनी खैनी दिय’
आलेख

‘मामा यौ कनी खैनी दिय’ ने बनाया था इस गायक को कालजयी !

हेमकान्त झा के कई लोकप्रिय गीतों में “मामा यो कनि खैनी दिअ, अपनों खाऊ, हमरो दीअ बाबू मान्गैय से हो दीअ” ने खास पहचान बनाई। उनके एलबम्स जैसे “चल मिथिला में चल,” “हिमरेखा,” “सनेस,” “ममता,” “भौजी,” “कखन हरब दुःख मोर,” और “सौगात” भी बहुत पसंद किए गए और काफी लोकप्रिय हुए।

‘मामा यौ कनी खैनी दिय’ ने बनाया था इस गायक को कालजयी ! Read Post »

7 जनवरी को मनाया जाएगा मैथिली दिवस
आलेख

7 जनवरी को मनाया जाएगा मैथिली दिवस

मैथिली साहित्य संस्थान और कला एवं शिल्प महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में मैथिली दिवस मनाने के लिए एक परिचर्चा और पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

7 जनवरी को मनाया जाएगा मैथिली दिवस Read Post »

मॉडर्न-क्लासिक मैथिलि साहित्य की 5 बड़ी हस्तियाँ
आलेख

मॉडर्न-क्लासिक मैथिलि साहित्य की 5 बड़ी हस्तियाँ

मॉडर्न-क्लासिक मैथिलि साहित्य की 5 बड़ी हस्तियाँ – राजकमल चौधरी, नागार्जुन, हरिमोहन झा, उषा किरण खान, और डा. शेफालिका वर्मा जैसे साहित्यकारों

मॉडर्न-क्लासिक मैथिलि साहित्य की 5 बड़ी हस्तियाँ Read Post »

विद्यापति - जीवन परिचय और रचनाएँ
लॊक कथा

विद्यापति – जीवन परिचय और रचनाएँ

बाबा विद्यापति (1352-1448 ई.) मिथिला के कवि, संगीतकार, लेखक, दरबारी और राज पुरोहित थे। वे भगवान शिव के अनन्य भक्त थे, लेकिन उनके लेखन में प्रेमगीत और वैष्णव भक्ति गीतों की भी प्रमुखता थी

विद्यापति – जीवन परिचय और रचनाएँ Read Post »

मण्डन मिश्र कौन थे
धर्म-दर्शन

शंकराचार्य से शास्त्रार्थ करने वाले मण्डन मिश्र कौन थे !

मण्डन मिश्र  को इतिहास  एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जानता हैं जिन्होंने ने शंकराचार्य  को शास्त्रार्थ में तगड़ी टक्कर दी थी | उनकी पत्नी भारती ने तो शंकराचार्य  शास्त्रार्थ में को हरा भी दिया था |

शंकराचार्य से शास्त्रार्थ करने वाले मण्डन मिश्र कौन थे ! Read Post »

तो क्या केवल पुस्तकों में रह जायेगा अहिल्या स्थान और विद्यापति डीह ?
आलेख

तो क्या केवल पुस्तकों में रह जायेगा अहिल्या स्थान और विद्यापति डीह ?

मिथिला की पुण्य धरती पौराणिक ,  सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है | यह महाभारतकाल से लेकर रामायणकाल तक के कई प्रसंगों को अपनी गोद में समेटे हुई है |

तो क्या केवल पुस्तकों में रह जायेगा अहिल्या स्थान और विद्यापति डीह ? Read Post »

बिहारी लिट्टी-चोखा
भानस घर

बिहारी लिट्टी-चोखा

बिहारी लिट्टी-चोखा – लिट्टी-चोखा बिहार का पारंपरिक और लोकप्रिय व्यंजन है। यह देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी अलग पहचान बना चुका है।

बिहारी लिट्टी-चोखा Read Post »

डालना - मिथिला के तरकारी
भानस घर

डालना – मिथिला के तरकारी

डालना सब्जी को मिथिला का तरकारी कहा गया है । इसका उपयोग मिथिला में लोग अपने घरों के अलावा सभी प्रमुख भोज-भात या कार्यक्रम में करते हैं ।

डालना – मिथिला के तरकारी Read Post »

खट्टी-मीठी तिल चटनी
भानस घर

खट्टी-मीठी तिल चटनी

खट्टी-मीठी तिल चटनी मिथिला के पारंपरीक खाने का अभिन्न अंग है । मिथिला में इसे विभिन्न प्रकार के अनुष्ठानो तथा भोज-भात के अवसर पर बनाया जाता है ।

खट्टी-मीठी तिल चटनी Read Post »

तिला संक्रांति विशेष- चूड़ा की लाई
भानस घर

तिला संक्रांति विशेष- चूड़ा की लाई

चूड़ा की लाई मिथिला के भोजन का एक पारंपरिक हिस्सा है, जिसे खासतौर पर सर्दियों में खाया जाता है। यह सेहत के लिए कई फायदे प्रदान करता है।

तिला संक्रांति विशेष- चूड़ा की लाई Read Post »

Scroll to Top