गॊनू झा के आधुनिक कहानी
छोटॆ भाई भोनू झा को भी उम्मीद थी कि अगर गोनू बाबू अधिकारी बन गए, तॊ गाँव के झंझट और बँटवारे की समस्याएँ अपने आप खत्म हो जाएग़ी एवं भैंस तथा कम्बल दोनो मेरे हो जाएंगे ।
छोटॆ भाई भोनू झा को भी उम्मीद थी कि अगर गोनू बाबू अधिकारी बन गए, तॊ गाँव के झंझट और बँटवारे की समस्याएँ अपने आप खत्म हो जाएग़ी एवं भैंस तथा कम्बल दोनो मेरे हो जाएंगे ।
दिए के नीचे अंधेरा होता है – संपूर्ण संसार को अपने प्रकाश से प्रकाशवान करने वाला मैथिल समाज आज अपने
मिथिला राज्य की मांग भारत की आजादी के बाद से ही उठती रही है। लेकिन इस दिशा में जितना प्रयास हुआ है, उसका पूरा फायदा मिथिला के लोगों को नहीं मिला है।