Author name: Jay Chandra Jha

जय चन्द्र झा हास्य और व्यंग्य लेखन में माहिर हैं, जिनका इस क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव है। उनकी रचनाएँ मिथिला की संस्कृति, समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर हास्यपूर्ण व तीखे व्यंग्य के साथ गहरी छाप छोड़ती हैं।

सामा खेल चलली भौजी संग सहेली लिरिक्स - सामा गीत लिरिक्स | Sama Khela Chalali Lyrics
लॊक गीत

सामा खेल चलली भौजी संग सहेली लिरिक्स – सामा गीत लिरिक्स | Sama Khela Chalali Lyrics

सामा खेल चलली भौजी संग सहेली लिरिक्स – सामा गीत लिरिक्स | Sama Khela Chalali Lyrics

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सरस्वती पूजा में गांव जाने का मौका अब नहीं मिलता, लेकिन यादों में वे पल आज भी जीवित हैं।
आलेख

सरस्वती पूजा में गांव जाने का मौका अब नहीं मिलता, लेकिन यादों में वे पल आज भी जीवित हैं।

सरस्वती पूजा में गांव जाने का मौका अब नहीं मिलता, लेकिन यादों में वे पल आज भी जीवित हैं।

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बसहा चढ़ल बउरहवा आगे माई शंकर दुलहवा लिरिक्स - Basha Chadhal Baurahwa Aage Mai
लॊक गीत

बसहा चढ़ल बउरहवा आगे माई शंकर दुलहवा लिरिक्स – Basha Chadhal Baurahwa Aage Mai

बसहा चढ़ल बउरहवा आगे माई शंकर दुलहवा लिरिक्स – Basha Chadhal Baurahwa Aage Mai

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