खोलू ने केबार हे जननी लिरिक्स – Kholu Ne Kebar He Janani Lyrics

लाल चरण अछि तोर हे जननी लिरिक्स - Laal Charan Achhi Tor He Janani

खोलू ने केबार हे जननी लिरिक्स – Kholu Ne Kebar He Janani Lyrics

खोलू ने केबार…
खोलू ने केबार हे जननी, खोलू ने केबार

माँ के द्वार पर फूल नेने ठाढ़ छी
माँ के द्वार पर फूल नेने ठाढ़ छी
पूजन करब तोहार हे जननी, पूजन करब तोहार
खोलू ने केबार हे जननी, खोलू ने केबार

माँ के द्वार पर धूप नेने ठाढ़ छी
माँ के द्वार पर धूप नेने ठाढ़ छी
आरती उतारब तोहार हे जननी, खोलू ने केबार
खोलू ने केबार हे जननी, खोलू ने केबार

माँ के द्वार पर माखन नेने ठाढ़ छी
माँ के द्वार पर माखन नेने ठाढ़ छी
भोग लगाएब तोहार हे जननी, खोलू ने केबार
खोलू ने केबार हे जननी, खोलू ने केबार

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जय चन्द्र झा हास्य और व्यंग्य लेखन में माहिर हैं, जिनका इस क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव है। उनकी रचनाएँ मिथिला की संस्कृति, समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर हास्यपूर्ण व तीखे व्यंग्य के साथ गहरी छाप छोड़ती हैं।
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