काली के महिमा अपार हे जगदम्बे माता लिरिक्स – Kali Ke Mahima Apaar He Jagdambe Lyrics –काली के महिमा अपार हे जगदम्बे माता” एक भक्तिमय भजन अछि जे माँ काली केर असीम महिमा आ शक्ति के वर्णन करैत अछि। एहि भजन मे माँ काली के क्रोध, करुणा आ भक्त सभ पर हुनकर कृपा के गान कएल गेल अछि। विशेष रूप सँ ई भजन माँ काली पूजन, नवमी आ दुर्गा उत्सव पर गाओल जाइछ।
काली के महिमा अपार हे, जगदम्बे माता
अहाँ बिनु वसुधा अन्हार हे, जगदम्बे माता
गंग यमुन सँ माँटि मंगाएब, उँचगर सुन्दर पिरिया बनाएब,
आँचर सँ करब श्रृंगार हे, जगदम्बे माता
कोने फुल ओढन माँ के, कोने फुल पहिरन,
कोने फुल माँ के श्रृंगार हे, जगदम्बे माता
बेली फुल ओढ़नमाँके, चमेली फुल पहिरन,
अरहुल फुल माँ के श्रृंगार हे, जगदम्बे माता
ओढ़ि पहिरि काली ठाढ़ि भेली गहवर,
सुरुजक ज्योति मलीन हे, जगदम्बे माता