Singh Par Ek Kamal Rajit Lyrics | सिंह पर एक कमल राजित लीरिक्स

लाल चरण अछि तोर हे जननी लिरिक्स - Laal Charan Achhi Tor He Janani

Singh Par Ek Kamal Rajit Lyrics | सिंह पर एक कमल राजित लीरिक्स -सिंह पर एक कमल राजित” एक प्रसिद्ध देवी स्तुति अछि, जे माँ दुर्गा केर महिमा वर्णन करैत अछि। एहि भजन मे माँ दुर्गा केर दिव्य स्वरूप, शक्ति आ करुणा के गुणगान कएल गेल अछि। विशेष रूप सँ ई भजन नवरात्रि, दुर्गा पूजन आ अन्य शुभ अवसर पर भक्तिपूर्वक गाओल जाइत अछी।

Lyrics Singh Par Ek Kamal Rajit by Sharda Sinha

सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती – 2
हसती खल खल दांत झल झल, रूप सुन्दर भगवती – 2
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती।

शन्ख गहि गहि, चक्र गहि गहि, ख्डग गहि जगतारिनी – 2
परसु गहि गहि, पाश गहि गहि, असुर दल संघारिनी – 2
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती।

उदित दिनकर लाल छवि अति रूप सुन्दर भगवती, – 2
जीभ लह लह, लाल लौचन श्रवण कुंडल शोभती – 2
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती।

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नाथ सब अनाथ के माँ भक्तजन प्रतिपालिनी, – 2
महामाया देवी मैया, दुर्गा दुर्गतिनाशिनी – 2
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती
हसती खल खल दांत झल झल, रूप सुन्दर भगवती
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती।

लिरिक्स सिंह पर एक कमल राजित (दोसर संस्करण)

सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती, – 2

हसती खल खल दांत झल झल, रूप सुन्दर भगवती
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती

शंख गहि गहि चक्र गहि गहि, लोक के माँ पालती, – 2
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती

दाँत खट खट जीह लह लह, सोणित दाँत मढावती, – 2
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती

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शोणित टप टप पिबथि जोगिनी, विकट रूप देखावती, – 2
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती

ब्रह्मा एलन्हि विष्णु एलन्हि, शिवजी एलन्हि एहि गती, – 2
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती

सिंह पर एक कमल राजत (तेसर संस्करण)

सिंह पर एक कमल राजत ताहि ऊपर भगवती,
हसती खलखल दांत झल झल, रूप सुन्दर भगवती
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती।

शंख गहि गहि, चक्र गहि गहि, खडग गहि जगतारिनी,
परसु गहि गहि, पाश गहि गहि, असुर दल संघारिनी।
सिंह पर एक कमल राजत ताहि ऊपर भगवती।

उदित दिनकर लाल छवि अति रूप सुन्दर भगवती,
जीभ लह लह, लाल लोचन श्रवण कुंडल शोभती।
सिंह पर एक कमल राजत ताहि ऊपर भगवती ।

नाथ सब अनाथ के माँ भक्तजन प्रतिपालिनी,
महामाया देवी मैया, दुर्गा दुर्गतिनाशिनी।
सिंह पर एक कमल राजत ताहि ऊपर भगवती।

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हसती खल खल दांत झल झल, रूप सुन्दर भगवती,
सिंह पर एक कमल राजत ताहि ऊपर भगवती।

जय चन्द्र झा हास्य और व्यंग्य लेखन में माहिर हैं, जिनका इस क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव है। उनकी रचनाएँ मिथिला की संस्कृति, समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर हास्यपूर्ण व तीखे व्यंग्य के साथ गहरी छाप छोड़ती हैं।
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