चरन सरन हम एलौं हे जननी लिरिक्स – Charan Saran Ham Elau He Janani

लाल चरण अछि तोर हे जननी लिरिक्स - Laal Charan Achhi Tor He Janani

चरन सरन हम एलौं हे जननी लिरिक्स – Charan Saran Ham Elau He Janani – चरन सरन हम एलौं हे जननी” एक भक्तिमय भजन अछि, जे माँ भगवती सँ शरण आ कृपा माँगैत गाओल जाइछ। एहि भजन मे भक्त अपन समर्पण प्रकट करैत अछि आ माँ दुर्गा सँ रक्षा, आशीर्वाद आ कृपा केर याचना करैत अछि। विशेष रूप सँ ई भजन नवरात्रि, दुर्गा पूजन आ अन्य भक्तिमय अवसर पर गाओल जाइछ।

चरन सरन हम एलौं हे जननी, चरन सरन हम एलौं
चरन सरन हम एलौं हे जननी, चरन सरन हम एलौं

जगदम्बा आहां जननी जगत में
जगदम्बा आहां जननी जगत में
ककरा की नहिं देलौं
ककरा की नहिं देलौं हे जननी
चरन सरन हम एलौं
चरन सरन हम एलौं हे जननी, चरन सरन हम एलौं …

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पहिले केलौं दुलार बहुत गुनी
पहिले केलौं दुलार बहुत गुनी
आब निठुर किया भेलौं
आब निठुर किया भेलौं हे जननी
चरन सरन हम एलौं
चरन सरन हम एलौं हे जननी, चरन सरन हम एलौं…

सकल ठाम सं भेलहुं निरास्रित
सकल ठाम सं भेलहुं निरास्रित
बेकल चरन पद भेलहूं
बेकल चरन पद भेलहूं हे जननी
चरन सरन हम एलौं
चरन सरन हम एलौं हे जननी, चरन सरन हम एलौं…

अपन भक्ति अब ताकू दयामयी
अपन भक्ति अब ताकू दयामयी
अंतिम विनय सुनैलौं
अंतिम विनय सुनैलौं हे जननी
चरन सरन हम एलौं
चरन सरन हम एलौं हे जननी, चरन सरन हम एलौं
चरन सरन हम एलौं हे जननी, चरन सरन हम एलौं…

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जय चन्द्र झा हास्य और व्यंग्य लेखन में माहिर हैं, जिनका इस क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव है। उनकी रचनाएँ मिथिला की संस्कृति, समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर हास्यपूर्ण व तीखे व्यंग्य के साथ गहरी छाप छोड़ती हैं।
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