लाल चरण अछि तोर हे जननी लिरिक्स – Laal Charan Achhi Tor He Janani

लाल चरण अछि तोर हे जननी लिरिक्स - Laal Charan Achhi Tor He Janani

“लाल चरण अछि तोर हे जननी” एक भक्तिमय भजन अछि, जे माँ दुर्गा या काली के चरणों की महिमा का गान करैत अछि। एहि भजन में माँ के चरणों के प्रति श्रद्धा व्यक्त कएल जाइछ आ भक्त उनकर कृपा आ आशीर्वाद के याचना करैत छथि। भजन के शब्द भक्तों के मन में भक्ति के भाव जागृत करैत अछि, आ माँ के प्रति समर्पण और श्रद्धा के बढ़ावा देत अछि।

लाल चरण अछि तोर हे जननी
लाल चरण अछि तोर
लाल चरण अछि तोर हे जननी
लाल चरण अछि तोर

लाले रंग ओड़न माँ के, लाले रंग पहिरन,
लाले रंग ओड़न माँ के, लाले रंग पहिरन,
लाले रंग सिर के सिंदूर हे जननी,
लाल चरण अछि तोर…

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लाले रंग महफा, लाले रंग ओहरिया,
लाले रंग महफा, लाले रंग ओहरिया,
लाले बनल चाहु ओर हे जननी,
लाल चरण अछि तोर…

लाले रंग धन दिअ, लाले रंग मन दिअ,
लाले रंग धन दिअ, लाले रंग मन दिअ,
लाले रंग राखब मोर हे जननी,
लाल चरण अछि तोर
लाल चरण अछि तोर हे जननी
लाल चरण अछि तोर

जय चन्द्र झा हास्य और व्यंग्य लेखन में माहिर हैं, जिनका इस क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव है। उनकी रचनाएँ मिथिला की संस्कृति, समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर हास्यपूर्ण व तीखे व्यंग्य के साथ गहरी छाप छोड़ती हैं।
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