मिनाक्षी झा की बॆहतरीण कविताएँ
मिनाक्षी झा की बॆहतरीण कविताएँ
अरुण झा की कविताएँ जिंदगी के छोटे-बड़े लम्हों, रिश्तों की गहराइयों और इंसानी जज्बातों को छूती हैं। उनकी रचनाओं में एक ऐसी सादगी और गहराई है, जो सीधे दिल तक पहुंचती है।
Mithilanchal Prasidh Arikanchan Sabji – अरिकञ्चन बनाने की विधि
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चंडीगढ़ से दरभंगा ले जा रहा था ट्रक, मुर्गी चारे के बीच छिपी थी ’50 लाख की खुशी’, दाने हटते ही उड़े बक्सर पुलिस के होश
रिटायरमेंट से दो दिन पहले जाग उठा ‘पाप’, पॉकेट से निकलने लगा रंग वाला नोट, जानें
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गोनू झा को सम्पूर्ण मिथिलांचल में बीरबल के नाम से पहचाना जाता है | जिस प्रकार बीरबल और तेनाली राम अपनी चतुराई और हाजिर जबाबी के लिए प्रसिद्ध हैं उसी तरह गोनू झा भी अपनी चतुराई और वाक्पटुता के लिए समपर्ण मिथिलांचल में प्रसिद्ध हैं |
लाले-लाले आहुल के माला बनेलऊँ
गरदनि लगा लियोऊ माँ
हे माँ गरदनि लग लियोऊ माँ
हम सब छी धीया-पूता आहाँ महामाया
लाले-लाले आहुल के माला बनेलऊँ ( महाकवि विद्यापति ) Read Post »