कतेक दुख सुनायब हे जननी लिरिक्स Katek Dukh Sunayab He Janani Lyrics
कतेक दुख सुनायब हे जननी
कतेक दुख सुनायब
तंत्र-मंत्र एको नहि जानल
की कहि अहाँ के सुनायब हे जननी
की कहि अहाँ के सुनायब
मूर्ख एक पुत्र अहाँ के भुतिआयल
रखबनि संग लगाय हे जननी
कतेक दुख सुनायब
सूरदास अधम जग मूरख
तारा नाम तोहार हे जननी
दुर्गा नाम तोहार
कतेक दुख सुनायब