मिथिला पंचांग -भदवा 2025 में कब – कब है ? तिथियां और विवरण -भदवा, जो पाँच नक्षत्रों (धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, पूर्वाभाद्रपद और रेवती) के योग से बनता है, अपने प्रारंभ के दिन के अनुसार अलग-अलग नाम और विशेषताएँ रखता है। हर प्रकार का भदवा जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है।
भदवा के प्रकार
1. मृत्यु भदवा
मृत्यु भदवा का प्रारंभ शनिवार से होता है। इसे सबसे अशुभ भदवा माना गया है। मान्यता है कि इस समय कोई भी शुभ कार्य, जैसे गृह निर्माण, विवाह या बड़ा निवेश करने से बचना चाहिए। मृत्यु भदवा में किए गए कार्य जीवन में गंभीर बाधाएं और नकारात्मक परिणाम ला सकते हैं। विशेष रूप से स्वास्थ्य और लंबी यात्राओं से जुड़े निर्णय इस समय नहीं लेने चाहिए।
2.अग्नि भदवा
अग्नि भदवा मंगलवार से प्रारंभ होता है और इसे अग्नि तत्व का प्रतीक माना जाता है। यह समय अस्थिरता और आवेग से जुड़ा है। इस भदवा के दौरान अग्नि या गर्मी से संबंधित कार्य, जैसे फर्नीचर का निर्माण, किचन के लिए सामान की खरीदारी, या फैक्ट्री में नई मशीनरी का संचालन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा वाद-विवाद या जल्दबाजी में निर्णय लेना भी उचित नहीं होता।
3.चोर भदवा
चोर भदवा शुक्रवार से शुरू होता है और इसे हानि और धोखे का सूचक माना गया है। इस समय किसी भी प्रकार के वित्तीय लेन-देन, गहनों या जमीन की खरीदारी करने से बचना चाहिए। यह समय व्यापारिक समझौतों और निवेश के लिए भी सही नहीं माना जाता। यात्रा और नए स्थान पर जाने में भी सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इसे अशुभ प्रभाव वाला समय माना गया है।
4.रोग भदवा
रोग भदवा रविवार से प्रारंभ होता है और इसका संबंध स्वास्थ्य से होता है। इस समय के दौरान शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। रोग भदवा में ऑपरेशन, चिकित्सा पद्धति में बदलाव या किसी भी स्वास्थ्य-संबंधी बड़े निर्णय से बचने की सलाह दी जाती है। लंबी और कठिन यात्राओं को भी टालना उचित होता है।
5.राज भदवा
राज भदवा सोमवार से प्रारंभ होता है और इसका प्रभाव व्यक्ति की सत्ता, प्रतिष्ठा और सामाजिक स्तर पर देखा जाता है। यह समय अन्य भदवाओं की तुलना में कम अशुभ माना गया है, लेकिन फिर भी कोई बड़ा सामाजिक, राजनीतिक या आर्थिक निर्णय लेने से बचना चाहिए। विशेष रूप से, संपत्ति और व्यवसाय से जुड़े फैसले इस समय स्थगित कर देना ही बेहतर है।
भदवा 2025 में कब – कब है – तिथियां और विवरण
माह | भदवा प्रारंभ (तिथि, दिन, समय) | भदवा समाप्त (तिथि, दिन, समय) | प्रकार (शुरुआत के दिन पर आधारित) |
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जनवरी | 3 जनवरी 2025, शुक्रवार, सुबह 10:47 | 7 जनवरी 2025, मंगलवार, शाम 05:50 | चोर भदवा |
फरवरी | 30 जनवरी 2025, गुरुवार, शाम 06:35 | 3 फरवरी 2025, सोमवार, रात 11:16 | राज भदवा |
मार्च | 27 फरवरी 2025, गुरुवार, शाम 04:37 | 3 मार्च 2025, सोमवार, सुबह 06:39 | राज भदवा |
26 मार्च 2025, बुधवार, दोपहर 03:14 | 30 मार्च 2025, रविवार, शाम 04:35 | रोग भदवा | |
अप्रैल | 23 अप्रैल 2025, बुधवार, रात 12:31 | 27 अप्रैल 2025, रविवार, रात 03:39 | रोग भदवा |
मई | 20 मई 2025, मंगलवार, सुबह 07:35 | 24 मई 2025, शनिवार, दोपहर 01:48 | अग्नि भदवा |
जून | 16 जून 2025, सोमवार, दोपहर 01:10 | 20 जून 2025, शुक्रवार, रात 09:45 | राज भदवा |
जुलाई | 13 जुलाई 2025, रविवार, शाम 06:53 | 18 जुलाई 2025, शुक्रवार, रात 03:39 | रोग भदवा |
अगस्त | 10 अगस्त 2025, रविवार, रात 02:11 | 14 अगस्त 2025, गुरुवार, सुबह 09:06 | रोग भदवा |
सितंबर | 6 सितम्बर 2025, शनिवार, सुबह 11:21 | 10 सितम्बर 2025, बुधवार, शाम 04:03 | मृत्यु भदवा |
अक्टूबर | 3 अक्टूबर 2025, शुक्रवार, रात 09:27 | 8 अक्टूबर 2025, बुधवार, रात 01:28 | चोर भदवा |
नवंबर | 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार, सुबह 06:48 | 4 नवम्बर 2025, मंगलवार, दोपहर 12:34 | चोर भदवा |
27 नवम्बर 2025, गुरुवार, दोपहर 02:07 | 1 दिसम्बर 2025, सोमवार, रात 11:18 | राज भदवा | |
दिसंबर | 24 दिसम्बर 2025, बुधवार, रात 07:46 | 29 दिसम्बर 2025, सोमवार, सुबह 07:41 | रोग भदवा |
भदवा में सामान्य सावधानियां:
- दक्षिण दिशा में यात्रा: दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है। भदवा के दौरान वहां यात्रा करने से समस्याओं और नुकसान का खतरा रहता है।
- लकड़ी से संबंधित कार्य: जैसे घर का निर्माण, फर्नीचर खरीदना या बनवाना।
- नए कार्य की शुरुआत: इसे अशुभ माना गया है क्योंकि सफलता में बाधा आ सकती है।
- विवाह या मांगलिक कार्य: यह जीवन के महत्वपूर्ण कार्य हैं, और भदवा का प्रभाव इन्हें नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
- धन या निवेश से जुड़े कार्य: आर्थिक नुकसान की संभावना रहती है।
भदवा का धार्मिक महत्व
धार्मिक दृष्टि से, भदवा को अशुभ समय माना गया है। यह समय पंच नक्षत्रों – धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, पूर्वाभाद्रपद और रेवती – के प्रभाव में होता है, जो ज्योतिष के अनुसार नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। यदि किसी कारणवश भदवा में कोई कार्य करना अत्यंत आवश्यक हो, तो पहले विशेषज्ञ या पंडित से परामर्श करना चाहिए।
भदवा के प्रकार और उनके प्रभाव समझने के बाद, यह स्पष्ट है कि यह समय अपने जीवन में सावधानी बरतने का संकेत देता है। परंपराओं के अनुसार, भदवा का पालन करना अशुभ घटनाओं से बचने और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने का एक तरीका है।
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नोट: इस जानकारी को धार्मिक मान्यताओं के आधार पर प्रस्तुत किया गया है। किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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