जगदम्ब अहीं अबिलम्ब हमर लिरिक्स – विद्यापती कॆ लॊकगित By Prof Shiv Chandra Jha / January 26, 2025 / लॊक गीतजगदम्ब अहीं अबिलम्ब हमर लिरिक्स – विद्यापती कॆ लॊकगित जगदम्ब अहिं अवलम्ब हमरहे माय अहाँ बिनु आस केकरहे माय अहाँ बिनु आस केकरजगदम्ब अहिं अवलम्ब हमरजँ माय अहाँ दुःख नै सुनबय – 2त जाय कहु ककरा कहबय – 2करू माफ़ जननि अपराध हमरहे माय अहाँ बिनु आस केकरजगदम्ब अहिं अवलम्ब हमरहम भरि जग सँ ठुकरायल छीमां भरि जग सँ ठुकरायल छीमाँ अहिं के शरण में आयल छी हे माँ अहिं के शरण में आयल छीदेखू नाव पड़ल अछि बीच भंवरहे माय अहाँ बिनु आस केकर जगदम्ब अहिं अवलम्ब हमरकाली लक्ष्मी कल्याणी छी – 2तारा अम्बे ब्रह्माणी छी – 2अछि पुत्र प्रदीप बनल टुगरहे माय अहाँ बिनु आस केकर – 2जगदम्ब अहिं अवलम्ब हमर A Post by Prof Shiv Chandra Jha Editorप्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने मैथिली भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।Share this:Click to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Twitter (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Click to share on WhatsApp (Opens in new window)और पढें खोलू ने केबार हे जननी लिरिक्स - Kholu Ne Kebar He Janani Lyrics WhatsApp Group Join Now Telegram Group Join Now
सबहक सुधि आहाँ लै छी हे अम्बे लीरिक्स -Sabhak Sudhi Aahan Lai Chhi He Ambe Lyricsलॊक गीत / By Jay Chandra Jha
बसहा चढ़ल बउरहवा आगे माई शंकर दुलहवा लिरिक्स – Basha Chadhal Baurahwa Aage Maiलॊक गीत / By Jay Chandra Jha