इन्द्र गहि-गहि, चक्र गहि-गहि लिरिक्स Indr Gahi Gahi Chakra Gahi Gahi Lyrics
इन्द्र गहि-गहि, चक्र गहि-गहि,
खर्ग लिअ माता भगवती
अड़हुल फूल भकनार भयो,
देखि पुनि आनन्द भयो
सोनाके आसन रत्न सिंहासन,
आबि बैसाउ माता भगवती
सोनाके झारी गंगाजल पानी,
चरण पखारब माता भगवती
सोनाके थारी छत्तीसो व्यंजन,
भाग लगाउ माता भगवती
सोनाके सराइ कपूरक बाती,
आरती देखाउ माता भगवती
अड़हुल फूल भकनार भयो…