गॊनू झा पहुंचला नर्क – भाग 1 एवं भाग 2

गॊनू झा पहुंचला नर्क - भाग 1 एवं भाग 2

गॊनू झा पहुंचला नर्क भाग 1 –  एक बार की बात है, मैं जय चन्द्र झा और गोनू झा दोनों अपने खेत देखने जा रहे थे इसी बीच मैंने एक नया आई फोन १६ प्रो मैक्स मोबाइल फोन खरीदा था, तो गोनू झा ने मुझसे कहा भाई आपने तो बहुत अच्छा मोबाईल खरीदा है जरा अपना मोबाइल दिखाओ । मेंने अपना मोबाईल गोनू झा को दे दिया ।

इसी बीच गोनू झा के खेत में बनबारी लाल घास काट रहा था गोनू झा ने उसे डांटते हुए कहा, ‘तुम मेरे खेत में घास क्यों काट रहे हो?’ संयोगवश वह व्यक्ति गोनू झा की फटकार सुनकर मर गया, मृत्यु के कुछ ही समय बाद यमराज अपने सेवक चित्रगुत के साथ आ गये । उस समय यमराज के लैपटॉप के सॉफ्टवेयर में वायरस के कारण कुछ खराबी आ गई और वे गलती से गोनू झा को जीवित नरक में ले गये। संयोग से मेरा मोबाइल उनके पास रह गया ।

मैं काफी चिंतित था कि गोनू झा के साथ क्या हो रहा है मैं अत्यंत दुःखी होकर घर पहुँचा और भाभी को बताया कि गोनू झा को यमराज जीवित नर्क ले चले गये ।

बस फिर क्या था भोनू झा के अलावा गांव के सभी लोग दुखी हो गये । भोनू झा खुश था चलो कंबल और भैंस के बटबारे के झंझट से मुक्त हो गये । समुचे गांव मे लोग रोने लगे ।

उसी समय मेरे पुराने मोबाईल पर रींग शुरु हो गया, मैंने देखा तो यह फोन मेरे नये फोने से था यानी की गोनू झा का फोन था । यह सुन सब चुप हो गये ।

मेंने फोन उठाया और गोनू झा पुछा क्या हाल समाचार गोनू भाई , आप कहां हैं अभी –

गोनू झा ने बताया – क्या बताऊं जय चंद्र जी ये यमराज तो हमको जिंदा ही नरक ले जा रहा है, इससे बहुत बडी गलती हो रही लेकिन ये मेरी बात ही नही सुनता है ।

फिर हम पुछे – अभी आप कहां हैं ।

गोनू झा ने बताया – अभी में वैतरणी नदी पार करने बाला हू‍ं । धन्य ये भारत संचार का मोबाईल जो आप हमको दिये ये गांव में नही काम कर रहा था लेकिन यहां बहुत अच्छा काम कर रहा है और इसके सहारे आप लोगो से बात हो पा रही है ।

3 दिन बाद गोनू झा को दूसरा फोन आया कि वह अब नर्क में हैं गोनू झा ने कहा कि हाल चाल ठिक हैं – वह अभी कुछ व्यस्त हैं और बाद में फोन करेंगे (ध्यान दें गोनू झा के पास एक बीएसएनएल मोबाइल था जो पृथ्वी को छोड़कर अन्य सभी ग्रहो पर साथ में नर्क में भी काम करता है।)

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अब जब गोनू झा ने देखा कि लोग नर्क में कैसे रहते हैं, तो उन्हें बहुत बुरा लगा उसने देखा कि यम के दूत लोगों से अन्यायपुर्ण काम करा रहे हैं और बदले में उसे कुछ नहीं मिलता यम और यमदूत के लिए नर्क में कोई नियम-कायदे नहीं हैं उन्होंने नरकवासियों का जीवन बद से भी बदतर बना दिया है

दो-चार दिन बाद नरक निरीक्षण विभाग के कुछ अधिकारी यमराज से मिलने आये निरीक्षण के क्रम में उनकी नजर गोनू झा पर पड़ी, गोनू झा को देखते ही वे यमराज के पास पहुंच गये यम उस समय यमराज अपने लैपटॉप पर Menkathegreat.com देख रहा था यह देखकर निरीक्षण टीम आश्चर्यचकित रह गई | निरीक्षण दल को यह पता चल चुका था कि गोनू झा जीवित नर्क कैसे पहुंचे ।

अब निरीक्षण दल ने गोनू झा के मृत्यु के संबध में स्वंय जांच की तो उन्हे पता चला की गोनू झा की मृत्यु तो तब होगी –जब मशहूर हिंदी फिल्म अभिनेता आफताब शिवदासानी की कोई फिल्म सुपरहिट होगी । उन्होने यमराज को इस संबध में बताया ।

यम को अपनी गलती का एहसास हुआ उन्होंने तुरंत गोनू झा से संपर्क किया और उनसे कहा कि वह अपनी गलती के लिए उनसे माफी मांगना चाहते हैं

लेकिन गोनू झा नरक में यमराज के साम्राज्य से बहुत क्रोधित थे, उन्होंने सोचा कि वह साम्राज्य और यमराज के अत्याचार को समाप्त करके ही दम लेंगे, उन्होंने कहा कि वह अब धरती पर नहीं जायेंगे क्योंकी वे जानते थे की यमराज उनके साथ अधिक जबरदस्ती नहीं कर सकते । यमराज के दण्डो का प्रभाव मृत्यु के बाद ही होता है, जबकि गोनू झा जीवित रहते हुए ही नरक पहुंच गए थे

गॊनू झा पहुंचला नर्क : भाग 2

गोनू झा ने अब यह तय कर लिया कि वह यमराज के साम्राज्य में सुधार लाएंगे, तो उन्होंने सबसे पहले नर्क में मौजूद अन्य लोगो से संपर्क किया। उन्होंने उनसे उनकी समस्याएं पूछीं और यह जानने की कोशिश की कि यमराज और उनके दूतों के अत्याचारों को कैसे रोका जा सकता है।

गोनू झा की चतुराई से नर्कवासी भी प्रभावित हुए और उनके साथ खड़े हो गए। गोनू झा ने उन्हें समझाया, भाइयों और बहनों, अगर यमराज को सुधारना है, तो हमें संगठित होना होगा। बिना संगठन के, हम कुछ नहीं कर सकते।” हम लोग संगठीत होकर यहां लोकतंत्र की स्थापना करेंगे ।

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गोनू झा ने एक योजना बनाई। उन्होंने नर्क में एक विशाल पंचायत बुलाई। सभी नरकवासी पंचायत में आए और गोनू झा ने अपना भाषण दिया: गोनू झा अब नेता बन चुके थे उन्होने कहा आज से यहां हमारी पार्टी बनेगी जिसका नाम होगा दर्द-ए-नर्क पार्टी और उसके बाद उन्होने – अध्यक्ष: महाभस्मासुर आमजीवी को महासचिव: ज्वाला फूंकचंद को तथा प्रवक्ता: काली सुलगन देवी को नियुक्त किया ।

उन्होने सभी लोगो से कहा –
“हम सब यहां सजा काटने आए हैं, लेकिन हमारी सजा अमानवीय है। हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा। अगर यमराज न्याय नहीं कर सकते, तो हमें उन्हें हटाने का अधिकार है।”

यमराज को जब यह खबर मिली कि गोनू झा नर्क में विद्रोह फैला रहे हैं, तो वह आग-बबूला हो गए। उन्होंने अपने दूतों को गोनू झा को पकड़ने भेजा, लेकिन गोनू झा को पकरने में दुत नाकाम हो गये ।

गोनू झा ने अपने फोन का इस्तेमाल कर नर्क के कई कोनों में लाइव प्रसारण शुरू कर दिया। अब तक इंसान केवल धरती से नर्क के बारे में किवदंतियां सुनते थे, लेकिन पहली बार नर्क का सीधा प्रसारण TheMithila.Com के फेसबुक चैनल पे हो रहा था। यह प्रसारण सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर वायरल हो गया।

मिथिलावासियों ने जब देखा कि उनका गोनू झा नर्क में संघर्ष कर रहा है, तो उन्होंने यमराज के खिलाफ धरती पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। “गोनू झा को वापस लाओ!” के नारे हर गांव-गली में गूंजने लगे। यह सब सुन कर धरतीलोक में बेचारा भोनू झा घवरा गया । उसे लगा की अब गोनू झा नर्क से वापस आ जाएंगे और कंबल – भैस में फिर से उनको हिस्सा देना परेगा ।

आखिरकार, यमराज ने गोनू झा को नर्क के मुख्य महल में बुलाया। गोनू झा ने बड़ी ही शांति से कहा, “यमराज जी, आपकी गलती ने मुझे यहां लाया, लेकिन अब मैं बिना नर्क सुधार के वापस नहीं जाऊंगा।” अगर आपको लगता है कि आप सही है तो आपको मेरे खिलाफ चुनाव लडना परेगा ।

यमराज ने क्रोधित होकर कहा, “यह मेरा साम्राज्य है, यहां मेरी मर्जी चलती है।”
गोनू झा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “लेकिन यमराज जी, जब आपने गलती की थी, तो आपकी मर्जी अब यहां नहीं चलेगी । अब समय आ गया है कि आप नर्क के नियम बदलें।”

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यमाराज ने सोंचा की अगर यहां लोकतंत्र कि स्थापना हो जाएगी तो मेरा हाल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में, वर्सोवा सीट से चुनाव लड़ने वाले मशहुर बॉलीवुड अभिनेता एजाज खान वाला हो जाएगा , गोनू झा की जिद के आगे यमराज को झुकना पड़ा। उन्होंने गोनू झा की कई मांगों को मान लिया:

  1. नर्कवासियों के लिए उचित कार्य और आराम का समय तय किया गया।
  2. सजा में मानवता का ध्यान रखा गया।
  3. यमदूतों को भी अनुशासन में रहने के आदेश दिए गए।
  4. एक “नरक न्यायालय” स्थापित किया गया, जहां हर आत्मा को अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा।

गोनू झा की धरती पर वापसी

नर्क में सुधार के बाद, यमराज ने गोनू झा से कहा, “आपका काम यहां पूरा हो चुका है, अब आप धरती पर वापस जा सकते हो।”
लेकिन गोनू झा ने कहा, “मैं तभी जाऊंगा जब आप मेरी एक आखिरी मांग पूरी करेंगे।”
यमराज ने पूछा, “क्या मांग है?”
गोनू झा ने मुस्कुराते हुए कहा, “मुझे नर्क का ब्रांड एंबेसडर बना दीजिए।”

यमराज हंस पड़े और बोले, “तुम जैसा चतुर इंसान मैंने आज तक नहीं देखा। ठीक है, तुम नर्क के पहले ‘सम्मानित सुधारक’ घोषित किए जाते हो।”

गोनू झा अपने बीएसएनएल मोबाइल के साथ धरती पर लौटे और अपने गांव पहुंचकर सबको अपनी कहानी सुनाई। उनका नर्क सुधार का किस्सा इतना प्रसिद्ध हुआ कि हर जगह उनकी प्रशंसा होने लगी। बेचारा भोनू झा मुंह ताकते रह गया ।

आपको गोनू झा की कहानी कैसी लगी हमें जरूर बताएं आपकी प्रतिक्रिया ही मेरी कलम की जान है

गॊनू झा पहुंचला नर्क  प्रस्तुती जय चन्द्र झा  jcmadhubani@yahoo.com

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प्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने मैथिली भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।
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