हम नहि शिव सँ गौरी बिआहब लिरिक्स | Ge Mai Ham Nahi Shiv Sang Gauri Bihayab Lyrics

शिवरात्रि स्पेशल फलाहारी रेसिपी

Ham Nahi Shiv Sa Lyrics

हम नहि शिव सँ गौरी बिआहब – 2
मोर गौरी रहती कुमारी गे माई – 2
हम नहि शिव सँ गौरी बिआहब – 2
मोर गौरी रहती कुमारी गे माई – 2

भूत-प्रेत बरिआती अनलनि, – 2
मोर जिया गेल डेराइ गे माई, – 2

गालो चोकटल, केशो पाकल, – 2
पयरो मे फाटल बेमाइ गे माई – 2

गौरी लए भागब, गौरी लए जायब, – 2
गौरी लए नइहर पड़ायब गे माई – 2

भनहि विद्यापति सुनू हे मनाइनि, – 2
इहो थिका त्रिभुवननाथ गे माई – 2
हम नहि शिव सँ गौरी बिआहब – 2
मोर गौरी रहती कुमारी गे माई – 2

हम नहिं गौरी शिवके बिआहब लिरिक्स (संस्करण 2)

हम नहिं गौरी शिवके बिआहब,
मोर गौरी रहति कुमारि गे माई
भुत – प्रेत लै ऐलन बराती,
मोर जिय गेल डराई गे माई

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गालो चुटकल मोछो पाकल,
पैरो में बत्तीस बेमाय गे माई !
गौरी लए भागव गौरी लए परायब,
गौरी लय जायव नइहर गे माई

भनहिं विद्यापति सुनू हे मनाइनि,
इहो थिका त्रिभुवन नाथ
कहत भिखारी दास दोऊ कर जैसी,
बस बस होवे विवाह गे माई

हम नहिं गौरी शिवके बिआहब,
मोरि गौरी रहति कुमारि गे माई
भुत – प्रेत लै ऐलन बराती,
मोर जिय गेल डराई गे माई

जय चन्द्र झा हास्य और व्यंग्य लेखन में माहिर हैं, जिनका इस क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव है। उनकी रचनाएँ मिथिला की संस्कृति, समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर हास्यपूर्ण व तीखे व्यंग्य के साथ गहरी छाप छोड़ती हैं।
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