मधुबनी में एसपी की बड़ी कार्रवाई: थानेदार समेत कई पुलिसकर्मी निलंबित, नेता प्रतिपक्ष करेंगे पीड़ित परिवार से मुलाकात

मधुबनी में एसपी की बड़ी कार्रवाई: थानेदार समेत कई पुलिसकर्मी निलंबित, नेता प्रतिपक्ष करेंगे पीड़ित परिवार से मुलाकात

मधुबनी जिले में पुलिस प्रशासन पर एक बार फिर सवाल उठे हैं, जब पुलिसकर्मियों द्वारा एक युवक की पिटाई का मामला सामने आया। इस घटना के बाद जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) योगेंद्र कुमार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बेनीपट्टी थाना के थानेदार सह प्रशिक्षु डीएसपी समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। इनमें एक एएसआई, एक हवलदार, एक सिपाही और दो चौकीदार शामिल हैं।

क्या है पूरा मामला?

यह पूरा मामला 30 जनवरी 2025 का है, जब बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के कटैया गांव निवासी मोहम्मद फिरोज ने पुलिसकर्मियों पर वाहन चेकिंग के दौरान मारपीट करने का आरोप लगाया था। फिरोज का कहना है कि पुलिस ने उसे बिना किसी गलती के बुरी तरह पीटा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद 1 फरवरी को उसने आक्रोशित ग्रामीणों के साथ एसपी कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई और अपनी शिकायत दर्ज करवाई।

जांच के बाद एसपी का एक्शन

Madhubani SP Press Conference

पीड़ित की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसपी योगेंद्र कुमार ने पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) से इस मामले की जांच कराने का आदेश दिया। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज की भी समीक्षा की गई, जिसमें आरोप सही पाए गए। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रशिक्षु डीएसपी गौरव गुप्ता को बेनीपट्टी थाना से हटाकर पुलिस कार्यालय मधुबनी में योगदान देने का आदेश दिया गया। वहीं, एएसआई मुकेश कुमार, हवलदार रंजीत कुमार, सिपाही विक्रम कुमार, चौकीदार सुरेश पासवान और चौकीदार सुरदीप मंडल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और उन्हें पुलिस लाइन मधुबनी में योगदान देने का निर्देश दिया गया।

और पढें  कैसे होगा बिहार में शराबबंदी सफल? उत्पाद विभाग का क्लर्क नशे में गिरफ्तार, महिलाकर्मी से किया दुर्व्यवहार

पुलिस विभाग में मचा हड़कंप

एसपी द्वारा की गई इस बड़ी कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। आमतौर पर पुलिसकर्मियों पर लगे आरोपों की जांच लंबी चलती है, लेकिन इस मामले में त्वरित कार्रवाई ने प्रशासन के रुख को स्पष्ट कर दिया है। जिले के अन्य पुलिसकर्मियों के लिए यह कार्रवाई एक कड़ा संदेश है कि अनुशासनहीनता और आम जनता के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पीड़ित की हालत गंभीर, परिवार का आक्रोश

पीड़ित मोहम्मद फिरोज का कहना है कि पुलिस ने उसे इतना मारा कि वह दो दिनों तक सो नहीं सका। उसकी तबीयत लगातार खराब बनी हुई है और उसने आत्महत्या करने तक का मन बना लिया था, लेकिन परिवारवालों ने उसे ऐसा करने से रोक लिया। इस घटना के बाद गांव में भी तनाव का माहौल है और लोग पुलिस की इस बर्बरता से बेहद नाराज हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस द्वारा निर्दोष लोगों के साथ मारपीट की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे आम जनता में आक्रोश है।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव करेंगे मुलाकात

इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने ऐलान किया है कि वे सोमवार दोपहर 3:30 बजे मधुबनी जिले के कटैया गांव पहुंचकर पीड़ित मोहम्मद फिरोज और उसके परिवार से मुलाकात करेंगे। इसको लेकर आरजेडी के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं में भी हलचल मच गई है। बड़ी संख्या में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बेनीपट्टी के कटैया गांव में इकट्ठा हो रहे हैं।

और पढें  शादी के बाद रिश्ता तोड़ मायके आई, अब नहर में शव मिला; गायब होने पर छिपाया, पिता गिरफ्तार

पुलिस पर पहले भी लगते रहे हैं आरोप

बिहार में पुलिस प्रशासन की कार्यशैली को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। कई मामलों में पुलिसकर्मियों पर आम नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार, जबरन वसूली और निर्दोष लोगों को झूठे मामलों में फंसाने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि, इस बार एसपी द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई ने प्रशासन की गंभीरता को दर्शाया है।

प्रशासन के लिए चुनौती

यह घटना पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। एक तरफ सरकार पुलिस सुधारों की बात कर रही है, तो दूसरी तरफ इस तरह की घटनाएं पुलिस की छवि को खराब कर रही हैं। जिले में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखना प्रशासन के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए, लेकिन अगर खुद पुलिसकर्मी ही कानून तोड़ने लगें, तो जनता का भरोसा पुलिस पर से उठने लगता है।

सरकार पर विपक्ष का हमला

इस मामले को लेकर विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो गए हैं। आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने सरकार से मांग की कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और पीड़ित को न्याय मिले।

प्रशासन की सख्ती और जनता की उम्मीदें

एसपी योगेंद्र कुमार द्वारा की गई इस कार्रवाई को लेकर जनता के बीच मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कई लोग इसे एक साहसिक कदम मान रहे हैं, जिससे पुलिसकर्मियों में अनुशासन बढ़ेगा। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि केवल निलंबन पर्याप्त नहीं है, बल्कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

और पढें  मौलाना फिरोज की पिटाई - पुलिसिया जुल्म या महज संयोग? तेजस्वी यादव ने खोली सरकार की पोल!

निष्कर्ष

मधुबनी जिले में पुलिसकर्मियों द्वारा एक निर्दोष युवक की पिटाई का मामला पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। एसपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर पुलिस सुधारों की जरूरत को उजागर किया है। वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के गांव दौरे से यह मामला और ज्यादा तूल पकड़ सकता है। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले को लेकर आगे क्या कदम उठाते हैं और पीड़ित को न्याय मिलता है या नहीं।

भगवान जी झा मिथिला के जाने-माने समाचार संपादक हैं। TheMithila.com पर वे मिथिला की भाषा, संस्कृति और परंपराओं को समर्पित लेखों के जरिए क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का प्रयास करते हैं।
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top