बिहार शिक्षा विभाग में गड़बड़ियों का एक और मामला सामने आया है। दरभंगा में दो महिला शिक्षिकाओं के शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के बाद राज्य निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस संबंध में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (डीपीओ) संदीप रंजन ने पुष्टि करते हुए कहा कि शिक्षिका ममता कुमारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए नियोजन इकाई को पत्र भेजा गया है, जबकि उषा देवी के खिलाफ अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
कौन हैं आरोपी शिक्षिकाएं?
- ममता कुमारी – सिंहवारा प्रखंड के नवीन प्राथमिक विद्यालय हनुमाननगर में नियोजित शिक्षिका।
- उषा देवी – मनीगाछी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय कायस्थकवाई में नियोजित शिक्षिका।
फर्जी प्रमाण पत्रों का खुलासा
निगरानी टीम की जांच में ममता कुमारी के मैट्रिक और इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्र रांची से जारी फर्जी दस्तावेज पाए गए। इसको लेकर सिमरी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। वहीं, उषा देवी के प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर नेहरा थाना में केस दर्ज किया गया है।
एक पर कार्रवाई, दूसरी पर देरी क्यों?
राज्य निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने जब शिक्षा विभाग को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा, तो ममता कुमारी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए गए, लेकिन उषा देवी के मामले में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस भेदभाव को लेकर शिक्षकों और शिक्षा विभाग में चर्चा का माहौल गर्म है।
क्या कह रहा शिक्षा विभाग?
इस पूरे मामले पर डीपीओ स्थापना संदीप रंजन का कहना है कि ममता कुमारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए नियोजन इकाई को पत्र भेज दिया गया है, जबकि उषा देवी के खिलाफ भी जल्द ही कार्रवाई होगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि एक से दो दिनों में उषा देवी के खिलाफ भी आदेश जारी कर दिया जाएगा।
आगे क्या?
फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर बहाल शिक्षकों पर सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। निगरानी विभाग की जांच जारी है, और आने वाले दिनों में ऐसे अन्य फर्जी शिक्षकों की भी पहचान हो सकती है।