Madhubani News: ठंड का कहर जारी, दो-तीन दिन तक और पड़ेगी ठंड – बिहार के मधुबनी जिले में ठंड का असर लगातार बना हुआ है। शुक्रवार को सुबह के समय कुहासा और पछिया हवा ने लोगों को एक बार फिर हाड़कंपा देने वाली ठंड का सामना कराया। मौसम में सर्दी के साथ बढ़ते कुहासे ने जनजीवन को प्रभावित किया। इसी कारण, सदर अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में भी कमी देखी गई। जहां सामान्य दिनों में ओपीडी में 600-700 मरीज आते हैं, वहीं शुक्रवार को महज 296 मरीजों का पंजीकरण हुआ। इनमें सर्दी, खांसी, दमा और बीपी के मरीजों की संख्या अधिक रही।
मौसम विभाग के अनुसार, इस ठंड का असर अगले दो से तीन दिनों तक जारी रह सकता है। पूसा समस्तीपुर मौसम वेधशाला के बलिया नोडल पदाधिकारी डॉ. ए सत्तार ने बताया कि शुक्रवार को अधिकतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ठंड के बावजूद शहर में लोग अपने रोज़मर्रा के कामों में जुटे रहे। हालांकि, ठंड के कारण नगर निगम द्वारा घोषित 23 स्थानों पर अलाव की व्यवस्था कागजों तक ही सीमित रही और सार्वजनिक स्थलों पर कहीं भी अलाव नहीं जलाए गए।
ठंड में स्वास्थ्य पर असर
सर्दी और ठंड के कारण सदर अस्पताल में सर्दी, खांसी और दमा के मरीजों में बढ़ोतरी देखी गई। अस्पताल के चिकित्सकों ने विशेष रूप से बीपी और दमा के मरीजों को ठंड से बचने की सलाह दी। डॉ. मेराज अकरम ने बताया कि ठंड में दमा और ब्लड प्रेशर के मरीजों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। सर्दी में नसों का सिकुड़ना और ऑक्सीजन का कम पहुंचना हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। ऐसे मरीजों को नियमित दवाइयां और ठंड से बचाव करना जरूरी है।
बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी
ठंड में बच्चों और बुजुर्गों को गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी गई है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेकानंद पाल ने कहा कि बच्चों को गर्म कपड़ों में लपेट कर रखना चाहिए और उन्हें कभी भी खाली पेट नहीं रखना चाहिए। साथ ही, ब्रेस्टफीडिंग को बढ़ावा देना चाहिए।
सर्जन डॉ. रामनिवास सिंह ने बताया कि ठंड में गुनगुने पानी से स्नान और नियमित व्यायाम से जोड़ो के दर्द को कम किया जा सकता है। उन्होंने जोड़ों के दर्द से परेशान मरीजों को गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी।
गर्म पानी और दवाइयों का ख्याल रखें
डॉ. रामनिवास ने यह भी कहा कि ठंड में गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए और समय-समय पर ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की जांच कराते रहना चाहिए। सदर अस्पताल में दवाइयों की कोई किल्लत नहीं है, लेकिन बीपी और डायबिटीज के लिए केवल एक प्रकार की दवा उपलब्ध है।
Input By – Prabhat Khabar 25.01.2025 Edition