बिहार के सीतामढ़ी जिले में विजिलेंस टीम ने पुपरी अंचल के राजस्व कर्मचारी सह प्रभारी अंचल निरीक्षक भोगेंद्र झा को 51,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई विजिलेंस के उपाधीक्षक पवन कुमार के नेतृत्व में की गई।
शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
पुपरी के बाजितपुर बौरा गांव निवासी कामेश ठाकुर ने 20 जनवरी को विजिलेंस विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि भोगेंद्र झा ने छह डिसमिल भूमि के दाखिल-खारिज की प्रक्रिया के लिए 54,000 रुपए रिश्वत की मांग की थी। शिकायत की जांच के बाद आरोप सही पाए जाने पर टीम ने सोमवार को योजनाबद्ध तरीके से भोगेंद्र झा को पुपरी अंचल कार्यालय के सामने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
रिटायरमेंट से दो दिन पहले फंसे
गिरफ्तार किए गए भोगेंद्र झा महज दो दिन बाद रिटायर होने वाले थे। लेकिन रिटायरमेंट से ठीक पहले रिश्वत लेने के आरोप में वे निगरानी टीम के हत्थे चढ़ गए। सीतामढ़ी जिले में इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी जिले में दर्जनभर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को रिश्वत के मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है।
पकड़ने के दौरान क्या हुआ?
विजिलेंस टीम ने बताया कि भोगेंद्र झा के पास से रिश्वत की पूरी राशि बरामद हुई। उनके पास रिश्वत की रकम के अलावा कोई अन्य सामग्री नहीं मिली। गिरफ्तारी के दौरान टीम में 10 सदस्य शामिल थे, जिनमें वरिष्ठ अधिकारी मोहन कुमार और डीएसपी सत्येंद्र राम भी थे।
कोर्ट में पेशी और आगे की कार्रवाई
गिरफ्तारी के बाद भोगेंद्र झा को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। विजिलेंस अधिकारी ने बताया कि कोर्ट के आदेश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित ने बताई रिश्वत की कहानी
पीड़ित कामेश ठाकुर ने कहा कि दाखिल-खारिज रिपोर्ट के लिए 54,000 रुपए की मांग की गई थी। काफी कहने-सुनने के बाद भोगेंद्र झा 51,000 रुपए लेने पर सहमत हुए। निगरानी टीम ने यह रकम देने के दौरान ही उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया।