सीतामढ़ी, बिहार: नीतीश कुमार सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए लगातार सख्त कदम उठा रही है, लेकिन कुछ कर्मचारी अब भी अवैध उगाही से बाज नहीं आ रहे। सीतामढ़ी जिले में दो अलग-अलग मामलों में भ्रष्टाचार की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। इनमें शिक्षकों द्वारा प्रैक्टिकल परीक्षा के नाम पर अवैध वसूली और आवास सहायकों द्वारा पैसे लेने के मामले सामने आए हैं।
प्रैक्टिकल परीक्षा में रिश्वतखोरी, दो शिक्षक निलंबित
जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) प्रमोद कुमार साहू ने प्रैक्टिकल परीक्षा के नाम पर अवैध वसूली के मामले में दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया है, जबकि दो अन्य पर अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
📌 क्या था मामला?
इंटर के छात्र-छात्राओं से प्रैक्टिकल परीक्षा में अधिक अंक दिलाने के लिए रिश्वत ली जा रही थी। इस मामले का ऑडियो और वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने जांच शुरू की।
📌 कौन-कौन दोषी पाया गया?
✅ निलंबित शिक्षक:
- सुनीता कुमारी (केडीकेएन प्लस टू स्कूल, खड़का बोखड़ा)
- दीपक कुमार (केडीकेएन प्लस टू स्कूल, खड़का बोखड़ा)
✅ अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश:
- ललिता कुमारी (सरयु उच्च विद्यालय, सुरसंड) – प्रैक्टिकल परीक्षा में अवैध वसूली का आरोप।
- अलकेश चिरंजीव (मध्य विद्यालय, भलही, बथनाहा) – बिना सूचना लगातार अनुपस्थित रहने का आरोप।
आवास सहायकों पर भी गिरी गाज, डीएम ने दिए कड़े आदेश
सीतामढ़ी जिले के बेलसंड प्रखंड के दो आवास सहायक अवैध वसूली में फंस गए हैं। डीएम की जांच में इनपर लगे आरोप सही पाए गए, जिसके बाद कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
📌 कौन-कौन आरोपी?
✅ डुमरा नुनौरा पंचायत के आवास सहायक: आरोप सही पाए जाने पर डीएम ने बीडीओ को आरोप पत्र गठित करने का आदेश दिया।
✅ लाल बाबू प्रसाद (आवास सहायक, जाफरपुर पंचायत): लाभुकों से ₹12,000 की अवैध वसूली का आरोप साबित हुआ, जिसके बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया गया।
📌 क्या कहा जिला प्रशासन ने?
जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी कमल सिंह ने बताया कि प्रशासन भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगातार कार्रवाई कर रहा है और आगे भी सख्ती जारी रहेगी।