सीतामढ़ी को पीएम मोदी की बड़ी सौगात: अयोध्या की तर्ज पर बनेगा भव्य मां जानकी मंदिर

सीतामढ़ी को पीएम मोदी की बड़ी सौगात: अयोध्या की तर्ज पर बनेगा भव्य मां जानकी मंदिर

बिहार के सीतामढ़ी स्थित पुनौरा धाम, जिसे माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है, में भव्य जानकी मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक परियोजना को हरी झंडी दी है। यह मंदिर न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का केंद्र बनेगा, बल्कि इसे अयोध्या में राम मंदिर की तरह ही वैश्विक आकर्षण का केंद्र बनाने की योजना है। इस बात की जानकारी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने प्रेस वार्ता के दौरान दी।

अयोध्या से राम सर्किट के जरिए जुड़ेगा सीतामढ़ी

जानकी मंदिर को अयोध्या से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार और बिहार सरकार मिलकर सड़क और रेल नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही हैं। इस पहल के तहत सीतामढ़ी को राम सर्किट का हिस्सा बनाने की योजना है, जिससे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए दोनों स्थानों की यात्रा सुगम हो जाएगी। दिलीप जायसवाल ने यह भी बताया कि जानकी परिसर के निर्माण के लिए आवश्यक जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।

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पुनौरा धाम का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व

सीतामढ़ी मिथिला क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण शहर है, जिसे भगवान राम की पत्नी और मिथिला की राजकुमारी माता सीता की जन्मस्थली के रूप में मान्यता प्राप्त है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता सीता का जन्म खेत में हल चलाने के दौरान मिट्टी के घड़े से हुआ था। यह घटना तब घटी जब उनके पिता राजा जनक बारिश के लिए इंद्र देव से प्रार्थना कर रहे थे।

पुनौरा धाम न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत में श्रद्धालुओं के लिए पवित्र स्थल है। यहां हर साल लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं। जानकी मंदिर के निर्माण से इस स्थान का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा।

जानकी मंदिर: अयोध्या के राम मंदिर की तरह होगा भव्य

प्रधानमंत्री मोदी की योजना के अनुसार, जानकी मंदिर का निर्माण अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर किया जाएगा। यह मंदिर वास्तुकला की दृष्टि से भव्य होगा और इसकी संरचना प्राचीन भारतीय शैली को आधुनिक सुविधाओं के साथ प्रस्तुत करेगी। मंदिर परिसर को ग्रीन बिल्डिंग के रूप में तैयार किया जाएगा, जिसमें पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों का उपयोग होगा।

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सीतामढ़ी के लिए ऐतिहासिक पहल

इस परियोजना से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सीतामढ़ी और मिथिला क्षेत्र का आर्थिक और सांस्कृतिक विकास भी होगा। रेल और सड़क कनेक्टिविटी के विस्तार से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का भी विकास होगा।

स्थानीय लोगों में उत्साह

इस घोषणा के बाद सीतामढ़ी और आसपास के क्षेत्रों में उत्साह का माहौल है। स्थानीय निवासियों का मानना है कि जानकी मंदिर के निर्माण से सीतामढ़ी का नाम विश्व स्तर पर स्थापित होगा। इसके साथ ही यह परियोजना मिथिला संस्कृति और परंपरा को और अधिक समृद्ध करने में योगदान देगी।

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यह भव्य मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और इतिहास को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक माध्यम भी होगा।

भगवान जी झा मिथिला के जाने-माने समाचार संपादक हैं। TheMithila.com पर वे मिथिला की भाषा, संस्कृति और परंपराओं को समर्पित लेखों के जरिए क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का प्रयास करते हैं।
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