मधुबनी: DRI ने 1,680 किलो मानव बाल जब्त किए, नेपाल के रास्ते चीन भेजे जा रहे थे, 3 गिरफ्तार

बिहार: DRI ने 1,680 किलो मानव बाल जब्त किए, नेपाल के रास्ते चीन भेजे जा रहे थे, 3 गिरफ्तार

मधुबनी जिले के मधवापुर सीमा पर राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने एक बड़ी कार्रवाई में 1,680 किलो मानव बाल का जखीरा जब्त किया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 80 लाख रुपये आंकी गई है। ये बाल नेपाल के रास्ते चीन भेजे जा रहे थे। इस मामले में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, ये खेप आंध्र प्रदेश के तिरुपति से लाई गई थी, जहां श्रद्धालु भगवान बालाजी को अपनी आस्था के प्रतीक के रूप में सिर मुंडवाकर बाल अर्पित करते हैं।

DRI ने बताया कि बालों को ट्रक के गुप्त हिस्से में छिपाकर ले जाया जा रहा था। गिरफ्तार तस्करों में अताउर रहमान और अब्दुल अज़ीम शेख, जो पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के निवासी हैं, शामिल हैं। इनके आधार पर बिहार के एक अन्य तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया। तीनों से फिलहाल मुजफ्फरपुर में पूछताछ की जा रही है।

भारत मानव बाल का सबसे बड़ा निर्यातक है, जो वैश्विक आपूर्ति का 90% से अधिक हिस्सा प्रदान करता है। भारतीय बाल अपनी गुणवत्ता और टिकाऊपन के लिए विश्वभर में मशहूर हैं। चीन में इनकी भारी मांग है, जहां ये मुख्यतः विग और हेयर एक्सटेंशन बनाने में उपयोग किए जाते हैं। एक किलो बाल से लगभग 25 विग तैयार की जा सकती हैं।

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तिरुपति मंदिर में अर्पित बालों को नीलामी के माध्यम से बेचा जाता है, लेकिन तस्करी के गिरोह इन बालों को अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंचे दामों पर बेचने का काम करते हैं। DRI की इस कार्रवाई ने न केवल तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि कैसे धार्मिक स्थलों से प्राप्त बालों का दुरुपयोग किया जा रहा है।

तस्करी से सरकार को राजस्व का नुकसान होता है और यह अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देती है। इस तरह की घटनाएं धार्मिक स्थलों की पवित्रता और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को बालों की नीलामी प्रक्रिया पर कड़ी निगरानी रखने और तस्करी रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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यह कार्रवाई DRI की सतर्कता का प्रमाण है और तस्करों के इस नेटवर्क को तोड़ने में एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सभी संबंधित पक्षों को जागरूकता बढ़ाने और ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

भारत दुनिया में मानव बाल का सबसे बड़ा निर्यातक है, जो वैश्विक आपूर्ति का 90% से अधिक प्रदान करता है।
भारतीय बाल अपनी प्राकृतिक गुणवत्ता, मजबूती और टिकाऊपन के लिए मशहूर हैं, जो इन्हें विग और हेयर एक्सटेंशन बनाने में आदर्श बनाते हैं।

चीन में भारतीय बालों की अत्यधिक मांग है, जहां इन्हें विग बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। एक किलो बाल से लगभग 25 विग तैयार की जा सकती हैं।

DRI की यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय मानव बाल तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल तस्करी के इस गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, बल्कि यह भी साबित हुआ है कि तस्करी का नेटवर्क कितना व्यापक है।

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यह जरूरी है कि सरकार और प्रशासन तस्करी रोकने के लिए कठोर कदम उठाएं और धार्मिक स्थलों की नीलामी प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित बनाएं।

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प्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने मैथिली भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।
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