वीसी ने सभी प्राचार्यों को दिए निर्देश, 20 जनवरी तक अपलोड करें डेटा

वीसी ने सभी प्राचार्यों को दिए निर्देश, 20 जनवरी तक अपलोड करें डेटा

वीसी ने सभी प्राचार्यों को दिए निर्देश, 20 जनवरी तक अपलोड करें डेटा दरभंगा। TheMithila.Com।
मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेश कुमार चौधरी ने 16 जनवरी को सभी कॉलेजों और बी.एड. कॉलेजों के प्राचार्यों की बैठक बुलाई। इस बैठक में अखिल भारतीय उच्चतर शिक्षा सर्वेक्षण (AISHE) 2023-2024 के अंतर्गत शिक्षा मंत्रालय के पोर्टल पर सभी आवश्यक डेटा अपलोड करने का निर्देश दिया गया।

कुलपति ने कहा कि सभी संबंधित संस्थानों को 20 जनवरी 2025 तक अपना डेटा अपलोड करना अनिवार्य है। डेटा में शैक्षणिक, प्रशासनिक, और वित्तीय जानकारियां शामिल होंगी। इसके बाद, अपलोड किए गए डेटा की जांच 1 फरवरी से 15 फरवरी तक की जाएगी।

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मुख्य उद्देश्य:

  • AISHE सर्वेक्षण 2023-2024 के लिए सभी प्रासंगिक आंकड़े तैयार करना।
  • शिक्षा मंत्रालय द्वारा 2025 में आने वाले नीतिगत निर्णयों के लिए सटीक और पूर्ण डेटा सुनिश्चित करना।
  • संस्थानों की ग्रेडिंग और मान्यता में सुधार करना।

कॉलेजों को अपलोड करना है यह डेटा:

डेटा का प्रकारविवरण
शैक्षणिक जानकारीछात्रों की संख्या, विषयवार नामांकन, परीक्षा परिणाम।
प्रशासनिक जानकारीशिक्षकों का विवरण, स्टाफ की संख्या, बुनियादी ढांचे का विवरण।
वित्तीय जानकारीफंडिंग, खर्च, छात्रवृत्तियों की स्थिति।

डेटा अपलोड का टाइमलाइन

तारीखकार्य
16 जनवरी 2025सभी प्राचार्यों की बैठक आयोजित
20 जनवरी 2025सभी डेटा अपलोड की अंतिम तिथि
1 फरवरी – 15 फरवरी 2025अपलोड किए गए डेटा की जांच

प्रशासनिक स्तर पर बदलाव

AISHE प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीन प्रशासनिक अधिकारियों के दायित्व बदले हैं:

  1. डॉ. राकेश मिश्रा: डेटा समन्वयक।
  2. डॉ. अनीता शर्मा: अकादमिक डेटा प्रभारी।
  3. डॉ. पंकज सिन्हा: वित्तीय डेटा प्रभारी।
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कुलपति ने प्राचार्यों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे सभी आवश्यक डेटा समय पर अपलोड करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

निष्कर्ष:

कुलपति ने यह स्पष्ट किया कि डेटा अपलोड करने में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्राचार्यों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे समयसीमा के भीतर सभी डेटा पूर्णता और सटीकता के साथ जमा करें, ताकि शिक्षा मंत्रालय द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को समय पर प्राप्त किया जा सके।

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प्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने मैथिली भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।
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