बिहार के सीतामढ़ी जिले में मुंबई से अपहृत एक नाबालिग लड़की को बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने अपहर्ता को भी गिरफ्तार कर लिया है और दोनों को लेकर मुंबई पुलिस वापस लौट गई है। यह पहली बार नहीं है जब किसी मजदूर ने बड़े शहर से किसी लड़की का अपहरण कर अपने गांव लाने की कोशिश की हो। इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।
अपहर्ता के घर से मिली नाबालिग
मुंबई के तिलक नगर थाना पुलिस ने सीतामढ़ी के सुरसंड थाना पुलिस के सहयोग से कुम्मा गांव में छापेमारी कर अपहृता को अपहर्ता के घर से बरामद किया। पुलिस ने आरोपी को भी मौके से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी विकास कुमार, स्थानीय निवासी सीताशरण पासवान का पुत्र है।
मुंबई पुलिस के केस अनुसंधान अधिकारी अमोल जगदाले ने बताया कि मुंबई के मुकुंद नगर निवासी एक व्यक्ति ने 29 अक्टूबर 2024 को अपनी नाबालिग बेटी के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मामले की जांच के दौरान लड़की के बिहार में छिपे होने का सुराग मिला, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की।
पुलिस की छापेमारी और गिरफ्तारी
मुंबई पुलिस को जब सुरसंड थाना क्षेत्र में अपहृता के मौजूद होने का सुराग मिला, तो थानाध्यक्ष धनंजय कुमार पांडेय और पुलिस अवर निरीक्षक इंद्रदेव प्रसाद की मदद से छापेमारी की गई। इस टीम में मुंबई से आए हवलदार उपाध्याय और महिला सिपाही पगारे भी शामिल थीं। पुलिस ने अपहृता को सकुशल बरामद करने के साथ ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मुंबई पुलिस दोनों को लेकर वापस चली गई।
इससे पहले दिल्ली से अगवा लड़की बॉर्डर से हुई थी बरामद
इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। पिछले महीने दिल्ली से अपहृत एक नाबालिग लड़की और अपहर्ता को इंडो-नेपाल बॉर्डर पर सोनबरसा से पकड़ा गया था। वे नेपाल में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) की सतर्कता के चलते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
एसएसबी जवानों की नजर बचाने के लिए अपहर्ता और लड़की ने तेजी से नेपाल की ओर भागने की कोशिश की, लेकिन एसएसबी की महिला जवान ने दौड़कर दोनों को दबोच लिया। इस मामले में गिरफ्तार आरोपी सोनू लाल दास, सिवान जिले के साहेबगंज थाना क्षेत्र के हहवा गांव का रहने वाला था, जबकि अपहृता दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम कापसहेड़ा की 17 वर्षीय मुमताज खातून थी।