बिहार के कैमूर जिले में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है, जहां दुर्गावती प्रखंड के मधुरा विद्यालय में प्रार्थना के दौरान प्रधानाध्यापिका और एक शिक्षक के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों ने एक-दूसरे पर जूते तक तान दिए। यह घटना 18 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रस्तावित दौरे से ठीक पहले हुई, जिससे शिक्षा विभाग की छवि पर भी असर पड़ा है। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
प्रार्थना सभा के दौरान बढ़ा विवाद
विद्यालय में हर दिन की तरह प्रार्थना चल रही थी, तभी प्रधानाध्यापिका और शिक्षक जसरुद्दीन के बीच किसी बात को लेकर बहस छिड़ गई। बहस इतनी तीखी हो गई कि दोनों ने एक-दूसरे पर जूते तान दिए और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। इस दौरान स्कूल के अन्य शिक्षक और छात्र भी हैरान रह गए।
शिक्षक जसरुद्दीन के आरोप
शिक्षक जसरुद्दीन का आरोप है कि प्रधानाध्यापिका पिछले 9 वर्षों से उनके साथ अभद्र व्यवहार कर रही हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानाध्यापिका हमेशा मुझे अपमानित करती हैं, लेकिन आज बात इतनी बढ़ गई कि उन्होंने मुझ पर जूता तान दिया, जिससे मुझे भी जवाब देना पड़ा।”
प्रधानाध्यापिका का पक्ष
प्रधानाध्यापिका ने अपने बचाव में कहा कि शिक्षक अक्सर स्कूल के काम में लापरवाही करते हैं और फोन में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने कहा, “जब मैं उनसे क्लास लेने को कहती हूं, तो वे जवाब देते हैं कि तुम हमें आदेश देने वाली कौन होती हो। आज उन्होंने मुझे मारने के लिए जूता निकाल लिया था, जिसकी मैंने उम्मीद नहीं की थी।”
शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही दुर्गावती प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाकर मामला शांत कराया। उन्होंने कहा, “विद्यालय में इस तरह की हरकत अनुशासनहीनता को दर्शाती है। हमने पूरी घटना की रिपोर्ट जिला शिक्षा विभाग को भेजने का निर्णय लिया है। स्कूल में शिक्षकों से ऐसी अपेक्षा नहीं की जाती है।”
यह घटना बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े करती है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।