रेडियो के जरिए किसानों तक पहुंचेगी सरकारी मदद, जानिए डिटेल्स (TheMithila Exclusive) -भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां देश की आधी से अधिक आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर है। लेकिन, इस बड़े हिस्से को खेती से जुड़ी नई तकनीकों, सरकारी योजनाओं और उन तक पहुंचाई जाने वाली सुविधाओं की पूरी जानकारी नहीं मिल पाती। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने एक अनूठी पहल की है। हाल ही में बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने पटना स्थित कृषि भवन, मीठापुर में ‘बिहार कृषि रेडियो’ का उद्घाटन किया। इस रेडियो सेवा का उद्देश्य किसानों को खेती से जुड़ी अहम जानकारी, मौसम पूर्वानुमान, और विशेषज्ञों से संवाद का मौका प्रदान करना है। आइए, जानते हैं कि इस नई सेवा से किसानों को क्या-क्या लाभ मिलने वाला है।
बिहार कृषि रेडियो: अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित
कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने उद्घाटन समारोह के दौरान कहा कि बिहार कृषि रेडियो को अत्याधुनिक तकनीक और प्रसारण उपकरणों से लैस किया गया है। यह डिजिटल रेडियो सेवा किसानों को खेती-बाड़ी से जुड़ी नई तकनीकों और सरकारी योजनाओं की जानकारी सीधे उनके स्मार्टफोन या अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों पर उपलब्ध कराएगी।
इस रेडियो सेवा के माध्यम से किसान मौसम की जानकारी, फसल उत्पादन की तकनीक, कीटनाशक प्रबंधन, उर्वरक उपयोग, और सरकारी सब्सिडी योजनाओं जैसी अहम जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, यह प्लेटफॉर्म किसानों को कृषि क्षेत्र में आए नए बदलावों और उपलब्ध संसाधनों के बारे में अपडेट रखने का भी काम करेगा।
डिजिटल युग में रेडियो का नया स्वरूप
रेडियो एक ऐसा माध्यम है, जो दशकों से ग्रामीण भारत, खासकर किसानों के बीच लोकप्रिय और प्रभावशाली बना हुआ है। खेतों में काम करते हुए रेडियो पर प्रसारित कार्यक्रम सुनने का अनुभव न केवल उपयोगी बल्कि सहज भी है। आज के डिजिटल युग में, रेडियो ने भी खुद को नए स्वरूपों में ढालते हुए अपनी उपयोगिता बनाए रखी है। बिहार कृषि रेडियो इसी डिजिटल विकास का हिस्सा है, जो अब मोबाइल एप, पॉडकास्ट और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध होगा।
इस सेवा को किसानों के लिए और अधिक सुलभ बनाने के लिए इसे गूगल प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर से मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है। साथ ही, इसे कृषि विभाग की वेबसाइट और ‘रेडियो गार्डन’ जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म पर लाइव सुना जा सकेगा।
ऑडियो-वीडियो कंटेंट और लाइव इंटरैक्शन
इस रेडियो सेवा की खास बात यह है कि यहां लाइव स्ट्रीमिंग के साथ-साथ ऑडियो और वीडियो कंटेंट भी पॉडकास्ट के रूप में उपलब्ध होगा। किसान किसी भी समय इन जानकारियों को सुन और देख सकेंगे। यह सेवा विशेष रूप से किसानों की व्यस्त दिनचर्या को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह रेडियो न केवल सूचना देने का काम करेगा, बल्कि यह किसानों के फीडबैक को भी रिकॉर्ड करेगा। इससे विभाग को यह समझने में मदद मिलेगी कि किसानों की वास्तविक जरूरतें और समस्याएं क्या हैं। प्राप्त फीडबैक के आधार पर कार्यक्रमों को और अधिक उपयोगी और प्रासंगिक बनाया जाएगा।
कम डेटा खपत और व्हाट्सएप इंटीग्रेशन
बिहार कृषि रेडियो को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह बहुत ही कम डेटा का उपयोग करके भी सुचारू रूप से काम करे। यह सुविधा लगभग सभी स्मार्टफोन पर आसानी से उपलब्ध होगी। इसके अलावा, किसानों तक एप का लिंक व्हाट्सएप के माध्यम से भी पहुंचाया जाएगा, जिससे वे आसानी से इसे डाउनलोड कर सकें।
कृषि मंत्री ने यह भी घोषणा की कि आने वाले दिनों में आत्मा (एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी) और कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से जिलेवार किसानों के साथ संवाद स्थापित करने का कार्यक्रम भी तैयार किया जाएगा।
किसानों के लिए नई उम्मीद
इस पहल से यह स्पष्ट है कि बिहार सरकार किसानों को सशक्त बनाने के लिए तकनीक का भरपूर उपयोग कर रही है। रेडियो, जो दशकों से किसानों का एक भरोसेमंद साथी रहा है, अब डिजिटल रूप में उन्नत सुविधाओं के साथ उनकी मदद करेगा। यह सेवा किसानों के लिए न केवल सूचना का साधन बनेगी, बल्कि उनकी समस्याओं का समाधान भी करेगी।
बिहार कृषि रेडियो की शुरुआत एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल कृषि क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि किसानों की आय और जीवनस्तर को भी बेहतर बनाएगा।
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