बर अजगुत देखल तोर अंगना लिरिक्स | Bar Ajgut Dekhal

He Har Hammar Karhun Prtipala Lyrics | हे हर हमर करहुं प्रतिपाला लिरिक्स

गौरा तोर अंगना
बर अजगुत देखल तोर अंगना
एक दिस बाघ सिंह करे हुलना
दोसर बरद छैन्ह सेहो बौना,
हे गौरा तोर …………..

पैंच उधार माँगे गेलौं अंगना,
सम्पति मध्य देखल भांग घोटना
हे गौरा तोर ……………

खेती न पथारि शिव गुजर कोना,
मंगनी के आस छैन्ह बरसों दिना
हे गौरा तोर ……………

कार्तिक गणपति दुई चेंगना,
एक चढथि मोर एक मुसना
हे गौर तोर …………

भनहि विद्यापति सुनु उगना,
दरिद्र हरण करू धइल सरना

Bad Ajgut Dekhal – सारदा सिंहा संस्करण

बर अजगुत देखल तोर अंगना – 2,
तोर अंगना हे गौरा, तोर अंगना हे गौरा
तोर अंगना, हे गौरा तोर अंगना
बर अजगुत देखल

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एक दिस बाघ सिंह करे हुलना –
दोसर बरद छैन्ह,
दोसर बरद छैन्ह सेहो बौना
हे गौरा तोर अंगना
बर अजगुत देखल

खेती न पथारि शिव गुजर कोना – 2,
मंगनी के आस छैन्ह,
मंगनी के आस छैन्ह बरसों दिना
हे गौरा तोर अंगना
बर अजगुत देखल

कार्तिक गणपति दुई चेंगना – 2,
एक चढथि मोर एक,
एक चढथि मोर एक मुस लगना !४!
हे गौरा तोर अंगना
बर अजगुत देखल

भनहि विद्यापति सुनु उगना
दरिद्र हरण करू,
दरिद्र हरण करू धइल सरना
हे गौरा तोर अंगना
बर अजगुत देखल तोर अंगना
हे गौरा तोर अंगना

जय चन्द्र झा हास्य और व्यंग्य लेखन में माहिर हैं, जिनका इस क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव है। उनकी रचनाएँ मिथिला की संस्कृति, समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर हास्यपूर्ण व तीखे व्यंग्य के साथ गहरी छाप छोड़ती हैं।
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