भारत बॉर्डर पर ड्रग तस्करों का बड़ा खुलासा, ब्राउन शुगर, कफ सिरप और नकदी के साथ छह गिरफ्तार

भारत बॉर्डर पर ड्रग तस्करों का बड़ा खुलासा, ब्राउन शुगर, कफ सिरप और नकदी के साथ छह गिरफ्तार

भारत बॉर्डर पर ड्रग तस्करों का बड़ा खुलासा, ब्राउन शुगर, कफ सिरप और नकदी के साथ छह गिरफ्तार – मधुबनी जिले के जयनगर इलाके में भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी के एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। एसएसबी 48वीं बटालियन की वाही सीमा चौकी कमला के अंतर्गत बेतौंहा बीओपी के जवानों ने एक विशेष गश्ती अभियान के दौरान छह तस्करों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि ये तस्कर नेपाल से ब्राउन शुगर, कफ सिरप और अन्य प्रतिबंधित नशीले पदार्थों की खेप लेकर भारतीय सीमा में प्रवेश करने की फिराक में थे। इस दौरान एसएसबी जवानों की सतर्कता और मुस्तैदी के चलते तस्करों की यह साजिश नाकाम कर दी गई। इस कार्रवाई के बाद से सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं और यह जांच की जा रही है कि इस तस्करी के पीछे किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह का हाथ तो नहीं है।

एसएसबी के कमांडेंट गोविंद सिंह भंडारी ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि नेपाल से प्रतिबंधित पदार्थों की एक बड़ी खेप भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाली है। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए कमला बीओपी प्रभारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया और जवानों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए। कुछ ही समय बाद गश्ती दल ने एक संदिग्ध व्यक्ति को बाइक पर नेपाल से भारत की ओर प्रवेश करने का प्रयास करते देखा। जैसे ही तस्कर की नजर एसएसबी जवानों पर पड़ी, वह घबराकर तेज रफ्तार में बाइक भगाने लगा। लेकिन एसएसबी के जवानों ने मुस्तैदी दिखाते हुए उसे खदेड़कर धर दबोचा। पूछताछ के दौरान उसके पास से भारी मात्रा में संदिग्ध नशीले पदार्थ बरामद किए गए। इसके बाद जब उससे कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उसने अपने पांच अन्य साथियों के बारे में भी खुलासा किया। एसएसबी की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बाकी पांच तस्करों को भी गिरफ्तार कर लिया।

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गिरफ्तार तस्करों की पहचान सुशील कुमार, विमलेश कुमार यादव, लालू कुमार यादव, अमित कुमार यादव, रामबाबू यादव और बिरेंद्र कुमार यादव के रूप में हुई है। ये सभी बिहार के ही रहने वाले बताए जा रहे हैं और लंबे समय से नशीले पदार्थों की तस्करी के धंधे में लिप्त थे। गिरफ्तारी के बाद जब सभी तस्करों की तलाशी ली गई, तो उनके पास से ब्राउन शुगर, कफ सिरप की बोतलें, नकदी और कई मोबाइल फोन बरामद किए गए। बरामद ब्राउन शुगर की जांच ड्रग डिटेक्शन किट से की गई, जिसमें यह पुष्टि हुई कि यह प्रतिबंधित नशीला पदार्थ ब्राउन शुगर ही है। इसके अलावा, तस्करों के पास से 1280 भारतीय रुपये, 880 नेपाली रुपये और पांच मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं। यह भी संदेह जताया जा रहा है कि इन तस्करों के तार किसी बड़े ड्रग नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं, जो नेपाल से भारत में अवैध तरीके से ड्रग्स की आपूर्ति कर रहा था। फिलहाल पुलिस और एसएसबी की संयुक्त टीम इस मामले की गहराई से जांच कर रही है।

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एसएसबी ने सभी गिरफ्तार तस्करों को एनडीपीएस (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस) एक्ट 1985 के तहत मामला दर्ज कर न्यायिक हिरासत में मधुबनी भेज दिया है। इस कार्रवाई के बाद एसएसबी ने बॉर्डर पर सतर्कता और बढ़ा दी है। कमांडेंट गोविंद सिंह भंडारी ने यह भी बताया कि नेपाल-भारत सीमा पर ब्राउन शुगर और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी एसएसबी ने कई बार ऐसे तस्करों को पकड़ा है, जो नेपाल से नशीली दवाओं और प्रतिबंधित पदार्थों की खेप लेकर भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। ऐसे में यह मामला और भी गंभीर हो जाता है, क्योंकि यह संकेत देता है कि बॉर्डर पर नशे के अवैध कारोबार को लेकर लगातार गतिविधियां हो रही हैं और किसी संगठित गिरोह द्वारा इसे अंजाम दिया जा रहा है।

एसएसबी की इस कार्रवाई के बाद सुरक्षा एजेंसियां और सतर्क हो गई हैं और बॉर्डर पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि नेपाल से नशीले पदार्थों की तस्करी पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए गश्ती दलों की संख्या बढ़ाई जाएगी और संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, यह भी आशंका जताई जा रही है कि इस नेटवर्क में और भी कई लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी गिरफ्तारी जल्द ही की जा सकती है। फिलहाल, सुरक्षा एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इन तस्करों का संपर्क किन-किन लोगों से था और वे नशे की इन खेपों को किन राज्यों तक पहुंचाते थे। अगर इस मामले की गहराई से जांच की जाए, तो यह संभव है कि यह किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट से जुड़ा हो, जो नेपाल के रास्ते भारत में नशीली दवाओं की आपूर्ति कर रहा हो। फिलहाल इस पूरे मामले में जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

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भगवान जी झा मिथिला के जाने-माने समाचार संपादक हैं। TheMithila.com पर वे मिथिला की भाषा, संस्कृति और परंपराओं को समर्पित लेखों के जरिए क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का प्रयास करते हैं।
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