नाम सुनकर सब दंग, फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला युवक सड़कों पर फटे कपड़ों में दिखता था!

नाम सुनकर सब दंग, फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला युवक सड़कों पर फटे कपड़ों में दिखता था!

नाम सुनकर सब दंग, फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला युवक सड़कों पर फटे कपड़ों में दिखता था! -दरभंगा। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दरभंगा के डॉक्टर रोहित राम का इलाज अब गोरखपुर में किया जाएगा। सात साल से सड़कों पर घूम-घूमकर दवाएं लिखने वाले और फर्राटेदार अंग्रेजी में हर बीमारी पर सलाह देने वाले रोहित राम की कहानी ने सोशल मीडिया पर अलग-अलग रूप ले लिया है। स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर गोरखपुर की स्माइल रोटी बैंक ने उन्हें इलाज के लिए रेस्क्यू किया है।

रोहित राम का गांव दरभंगा के सिमरी थाना क्षेत्र के मिश्रौली में स्थित है। उनके पिता राम श्रेष्ठ राम ने बताया कि रोहित ने सिमरी हाई स्कूल से आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की थी। साल 2005 में उनकी शादी पंचोभ पंचायत के हरिचन्ना गांव की पुनीता देवी से हुई। शादी के बाद रोहित को एक बेटी हुई, जो अब 19 साल की है और अपने दादा-दादी के साथ रहती है।

और पढें  बैंक जाने के बहाने निकली युवती अचानक गायब, अपहरण या प्रेम-प्रसंग? गाजियाबाद से जुड़ा चौंकाने वाला कनेक्शन!

साल 2013 में रोहित दिल्ली गए, जहां उन्होंने एक दवा की दुकान में काम करना शुरू किया। इसी दौरान उन्हें नशे की बुरी लत लग गई, जिसके कारण उनका मानसिक संतुलन बिगड़ने लगा। साल 2014 में वह गांव लौट आए। परिजनों ने उन्हें रांची मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां एक महीने के इलाज के बाद उनकी स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ। हालांकि, घर लौटने के बाद उनकी स्थिति फिर बिगड़ने लगी।

इस दौरान रोहित की पहली पत्नी ने उनके छोटे भाई ललित राम से शादी कर ली। इसके बाद, 2016 में परिजनों ने रोहित की दूसरी शादी प्रियंका देवी से कराई। इस शादी से उन्हें एक बेटा हुआ, लेकिन जल्द ही रोहित की मानसिक स्थिति फिर खराब हो गई। उनकी दूसरी पत्नी भी तीन साल पहले बेटे को लेकर घर छोड़कर चली गई।

और पढें  बिहार में युवती के 5 टुकड़े करके दो बोरी में ठूंसा शव, लड़की की भी आंखें निकालकर हत्यारों ने खेत में फेंकी लाश

रोहित पिछले सात सालों से सड़कों पर एक ही कपड़े में घूम रहे हैं और पागलों जैसी हरकतें कर रहे हैं। भूमिहीन परिवार दिहाड़ी मजदूरी से जैसे-तैसे अपना गुजर-बसर कर रहा है, लेकिन रोहित के इलाज के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। अब गोरखपुर की संस्था ने उनके इलाज की जिम्मेदारी ली है, जिससे परिवार को एक उम्मीद की किरण नजर आई है।

अपनी राय भॆजॆं | संपादक कॊ पत्र लिखॆं | Facebook पर फॉलो करें |

भगवान जी झा मिथिला के जाने-माने समाचार संपादक हैं। TheMithila.com पर वे मिथिला की भाषा, संस्कृति और परंपराओं को समर्पित लेखों के जरिए क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का प्रयास करते हैं।
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Scroll to Top