सूखा नशा बना खतरनाक खेल, पांच नाबालिग बने किडनैपर

सूखा नशा बना खतरनाक खेल, पांच नाबालिग बने किडनैपर

सूखा नशा बना खतरनाक खेल, पांच नाबालिग बने किडनैपर -बिहार के भागलपुर जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां नाबालिग बच्चों ने अपराध की दुनिया में कदम रखते हुए एक 10 वर्षीय बच्चे का अपहरण कर लिया। औद्योगिक थाना क्षेत्र के चौका फतेहपुर में हुई इस वारदात में अपहृत बच्चे की पहचान तनवीर अहमद के बेटे मिक्कू उर्फ मुस्तर अहमद के रूप में हुई है। अपराधियों ने परिजनों से बच्चे को छोड़ने के लिए 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी।

बगीचे से खेलते वक्त हुआ अपहरण
सिटी एसपी शुभांक मिश्रा ने बताया कि शनिवार शाम 6 बजे मिक्कू घर के पास बगीचे में खेल रहा था। इसी दौरान पांच नाबालिग आरोपियों ने उसे बाइक पर बिठाकर अगवा कर लिया। घटना के एक घंटे बाद, शाम 7 बजे, परिजनों को फोन कर 25 लाख रुपये की फिरौती की मांग की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए भागलपुर एसएसपी हृदयकांत के निर्देश पर विशेष जांच टीम गठित की गई और तीन थाना क्षेत्रों में छापेमारी शुरू हुई।

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तीन नाबालिग आरोपी गिरफ्तार, दो फरार
वैज्ञानिक अनुसंधान और सघन जांच के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अपहरण में शामिल तीन नाबालिगों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि ये सभी गांजा और स्मैक जैसे नशे का सेवन करते हैं और पैसों की जरूरत के चलते इस अपराध को अंजाम दिया। घटना में प्रयुक्त बाइक भी बरामद कर ली गई है। हालांकि, दो अन्य आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश में छापेमारी जारी है।

40 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद मिला सुराग
अपहरण की सूचना मिलते ही पुलिस ने फौरन इलाके की 40 सीसीटीवी फुटेज खंगाली। फुटेज और स्थानीय जानकारी के आधार पर एक आरोपी को हिरासत में लिया गया। उसकी निशानदेही पर दो अन्य नाबालिगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते अपराधियों ने रात 1 बजे अपहृत बच्चे को उसके घर के दरवाजे पर छोड़ दिया।

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पहली बार दिया अपराध को अंजाम
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार नाबालिगों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। यह उनकी पहली आपराधिक घटना है, जिसे उन्होंने नशे की लत और पैसों की तंगी के कारण अंजाम दिया। इस घटना ने समाज में नशे के बढ़ते प्रभाव और किशोरों में अपराध की प्रवृत्ति को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल, पुलिस फरार आरोपियों की तलाश और इस मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच में जुटी है।

प्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने मैथिली भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।
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