बिहार के सीतामढ़ी जिले में शिक्षा विभाग की एक बड़ी कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) प्रमोद कुमार साहू ने जिले के 94 स्कूलों के प्रधान शिक्षकों और शिक्षकों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए एक दिन के वेतन की कटौती का आदेश दिया है। यह कार्रवाई उन स्कूलों के खिलाफ की गई है, जहां छात्रों के आपार आईडी कार्ड बनाने की प्रक्रिया बेहद धीमी चल रही थी।
बिहार सरकार ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए आपार आईडी कार्ड बनाने का आदेश दिया था। यह कार्ड छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटली संरक्षित करने के लिए तैयार किया जा रहा है। लेकिन इस प्रक्रिया में धीमी प्रगति को देखते हुए शिक्षा विभाग ने कई बार स्कूलों को निर्देश जारी किए थे। बावजूद इसके कई स्कूलों में छात्रों के आपार कार्ड बनाने की गति में कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद डीईओ प्रमोद कुमार साहू ने सख्त कदम उठाते हुए 94 स्कूलों के सैकड़ों शिक्षकों के वेतन में कटौती का फैसला किया।
क्या है डीईओ का आदेश और सख्त कदम?
डीईओ प्रमोद कुमार साहू ने सभी बीईओ (ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर) को निर्देश दिया था कि जिन स्कूलों में छात्रों के 90% आपार आईडी कार्ड अब तक नहीं बने हैं, वहां के प्रधान शिक्षक और अन्य शिक्षकों का वेतन रोका जाएगा। साथ ही निर्देश दिया गया कि जब तक लक्ष्य पूरा नहीं होगा, तब तक उनकी अनुपस्थिति विवरणी (अटेंडेंस रिपोर्ट) जमा नहीं की जाएगी और वेतन भुगतान पर रोक लगी रहेगी। इसके अलावा, इन शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई थी। बावजूद इसके, आपार आईडी निर्माण की धीमी प्रगति बनी रही, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने एक दिन के वेतन कटौती का आदेश जारी कर दिया।
किन स्कूलों के शिक्षकों पर हुई कार्रवाई?
जिन 94 स्कूलों के प्रधान शिक्षक, शिक्षक और शिक्षिकाओं का वेतन काटने का आदेश दिया गया है, उनमें शामिल कुछ प्रमुख स्कूलों के नाम इस प्रकार हैं:
मदरसा अख्ता, यूएमएस पिपराही सुल्तान, उच्च माध्यमिक विद्यालय बेलगंज, मदरसा बाचोपट्टी नरहा, मदरसा रसलपुर, मदरसा कसाइयापट्टी, मदरसा कंचनपुर, मदरसा गोढ़ीया टोल, मदरसा हरपुर भलहा, प्रावि मुशहर टोल, प्रावि सहियारा, प्रावि नरहा दक्षिणी टोल, मदरसा जाफरपुर, मदरसा बेलसंड, मवि ओलीपुर, मदरसा सिंहाचौरी, मदरसा हमदिया, मदरसा पोखरौरा, मदरसा जमा मस्जिद सीतामढ़ी, मदरसा रहमानिया मेहसौल, मदरसा हबीबिया मेहसौल, प्रावि मिर्जापुर उर्दू, मवि रामपुर बखरी, प्रावि भलुआहा, प्रावि कच्चबचीपुर हिंदी, प्रावि तलखापुर, मवि राजोपट्टी उर्दू, प्रावि नयाटोल मेहसौल, प्रावि कैलाशपुरी, मवि हुसैना उर्दू, मवि करनहिया, मवि बलुआ, मवि नारायणपुर, मदरसा ठिकना समेत अन्य स्कूल।
क्या है यह आपार आईडी कार्ड और क्यों है जरूरी?
आपार आईडी कार्ड बनाने का मुख्य उद्देश्य हर छात्र के शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटली संरक्षित करना है, ताकि भविष्य में किसी भी छात्र का पूरा शैक्षणिक विवरण एक ही यूनिक आईडी से देखा जा सके। “आपार” का पूरा नाम “ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री” है। यह आधार कार्ड की तरह ही एक यूनिक आईडी होगी, जिसमें छात्र का नाम, पता, अभिभावकों की जानकारी, फोटो, शैक्षणिक रिकॉर्ड, स्पोर्ट्स उपलब्धियां, मार्कशीट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेंगे।
इसके अलावा, अगर कोई छात्र ओलंपियाड, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता में भाग लेता है, तो उसकी पूरी जानकारी इस आईडी में दर्ज की जाएगी। इस प्रणाली का उद्देश्य छात्रों की अकादमिक ट्रैकिंग को आसान और पारदर्शी बनाना है, ताकि शिक्षा से जुड़ी हर जानकारी डिजिटल रूप में आसानी से उपलब्ध हो।
शिक्षा विभाग की कार्रवाई के क्या होंगे असर?
सीतामढ़ी में हुई इस कार्रवाई के बाद अन्य जिलों में भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा सख्ती बढ़ाने की संभावना है। बिहार सरकार चाहती है कि राज्य के सभी स्कूली छात्रों का डिजिटल डेटाबेस जल्द से जल्द तैयार किया जाए, ताकि भविष्य में किसी भी छात्र के शिक्षा से जुड़े रिकॉर्ड सुरक्षित रहें। यही कारण है कि शिक्षा विभाग अब स्कूलों पर कड़ी नजर रख रहा है और लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के खिलाफ सीधी कार्रवाई कर रहा है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि इस कार्रवाई के बाद कितने स्कूल अपनी प्रक्रिया में तेजी लाते हैं और कितने स्कूलों के शिक्षकों पर आगे भी ऐसी ही सख्त कार्रवाई होती है। शिक्षा विभाग का यह कदम एक बड़ा संदेश है कि अब शिक्षा से जुड़े सुधारों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।