बिहार से शराबबंदी हटाने पर लालू की पार्टी का जवाब! तेजस्वी ने समझाया शराबखोरी का पूरा गुणा- गणित, जानें

बिहार से शराबबंदी हटाने पर लालू की पार्टी का जवाब! तेजस्वी ने समझाया शराबखोरी का पूरा गुणा- गणित, जानें

पटना स्थित राजद कार्यालय में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस वार्ता कर सरकार पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने ऐलान किया कि 14 अप्रैल को देशभर में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और पंचायत स्तर तक इसकी तैयारी करने का निर्देश भी दिया।

शराबबंदी पर सीधा वार

तेजस्वी यादव ने बिहार में लागू शराबबंदी कानून को विफल बताते हुए इसे एक “भ्रष्टाचार का औजार” करार दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी बिहार पुलिस पर शराब तस्करी में संलिप्त होने की टिप्पणी की है। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डीजीपी दीपक कुमार की “जुगलबंदी” को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि शराबबंदी के नाम पर राज्य में ₹40,000 करोड़ का ब्लैक मार्केट विकसित हो गया है।

उन्होंने कहा, “बिहार सरकार के पास खुद का राजस्व नहीं है, और पुलिस व सरकार मिलकर शराबबंदी को कमाई का जरिया बना चुके हैं।”

दलितों और गरीबों पर अत्याचार का आरोप

तेजस्वी ने खुलासा किया कि अब तक शराबबंदी के तहत 9 लाख से अधिक मामले दर्ज हुए हैं और 14.32 लाख से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इनमें से 99% गरीब और दलित हैं, जबकि बाकी में अन्य वर्गों के लोग शामिल हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह कानून सिर्फ गरीबों के लिए बना है?

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विदेशी शराब की खपत पर सवाल

तेजस्वी ने बताया कि अब तक 3.86 करोड़ लीटर शराब जब्त की गई है, जिसमें 2 करोड़ लीटर से अधिक विदेशी शराब है। उन्होंने सवाल उठाया, “गरीब लोग इतनी मात्रा में विदेशी शराब नहीं पी सकते, तो फिर इसे पी कौन रहा है? अमीरों को पुलिस क्यों नहीं पकड़ती?”

उन्होंने यह भी पूछा कि इतने सालों में किसी जिले के एसपी, एएसपी या अन्य बड़े अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

‘डीके टैक्स’ का खुलासा

तेजस्वी यादव ने ‘डीके टैक्स’ का जिक्र करते हुए दावा किया कि बिहार में उच्च पद पाने के लिए अधिकारी रिश्वत देते हैं। सीमावर्ती जिलों जैसे मोतिहारी, औरंगाबाद और वैशाली में केवल वही अधिकारी पोस्टिंग पाते हैं जो अधिक घूस चुकाते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास इन तमाम गतिविधियों के पुख्ता प्रमाण और रिकॉर्ड मौजूद हैं।

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अधिकारियों से अपील और सरकार से सवाल

तेजस्वी ने उन अधिकारियों से भी अपील की जो पहले लालू-राबड़ी सरकार में थे और आज भी ऊंचे पदों पर हैं, कि वे ईमानदारी से काम करें और पक्षपात न करें। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या कानून सिर्फ गरीबों पर ही लागू होगा? क्या अधिकारी कभी दोषी नहीं हो सकते?

रीतलाल यादव और कार्रवाई पर प्रतिक्रिया

मोकामा विधायक रीतलाल यादव को लेकर पूछे गए सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि सिर्फ उनकी पार्टी के नेताओं पर कार्रवाई होती है, जबकि सत्ताधारी दल के करीबी और पूर्व विधायक खुलेआम कानून तोड़ते हैं और उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने पुलिस अधिकारियों पर रियल एस्टेट में निवेश करने और जमीन के धंधे में लिप्त होने के भी आरोप लगाए।

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राजद शराबबंदी के पक्ष में, लेकिन सही क्रियान्वयन की मांग

तेजस्वी यादव ने दोहराया कि उनकी पार्टी पूर्ण शराबबंदी के पक्ष में है, लेकिन यह कानून गरीबों को प्रताड़ित करने के बजाय तस्करों और भ्रष्ट अधिकारियों पर चले। उन्होंने मांग की कि सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे जो शराब तस्करी में शामिल हैं।

भगवान जी झा मिथिला के जाने-माने समाचार संपादक हैं। TheMithila.com पर वे मिथिला की भाषा, संस्कृति और परंपराओं को समर्पित लेखों के जरिए क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का प्रयास करते हैं।
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