समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पटोरी के मोहिउद्दीननगर प्रखंड में फर्जी अंचल कार्यालय का खुलासा हुआ है। प्रशासन ने एक घर में चल रहे इस अवैध कार्यालय पर छापा मारकर बड़ी संख्या में सरकारी दस्तावेज, कंप्यूटर, प्रिंटर और 22,250 रुपये नकद बरामद किए हैं। इस कार्रवाई के दौरान एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इस घटना के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है, खासकर बिचौलियों में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।
एसडीएम को मिल रही थीं शिकायतें
पटोरी के अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) विकास पांडेय को लंबे समय से यह सूचना मिल रही थी कि मोगलचक गांव में एक फर्जी अंचल कार्यालय संचालित हो रहा है। शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने करीमनगर पंचायत के मोगलचक गांव में स्थित उमेश राय के घर पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में भूमि संबंधी कागजात, अंचल रिकॉर्ड, कंप्यूटर, प्रिंटर और 22,250 रुपये नकद जब्त किए गए। इसके अलावा, दस बोरी से अधिक दस्तावेज भी बरामद किए गए, जिनमें शुद्धि पत्र, हल्का दाखिल-खारिज रजिस्टर, खतियान, रजिस्टर-2 के दस्तावेज, जमाबंदी रजिस्टर, दाखिल-खारिज और परिमार्जन के आवेदन शामिल हैं।
समानांतर अंचल कार्यालय चलाने का खुलासा
जांच में यह सामने आया कि यह फर्जी अंचल कार्यालय कई वर्षों से सक्रिय था और पूरी तरह से एक समानांतर सरकारी कार्यालय की तरह कार्य कर रहा था। आम लोगों को सरकारी कार्यालयों में लंबी कतारों और प्रक्रिया से बचाने के नाम पर इस अवैध कार्यालय में जमीन के सर्वेक्षण और अन्य भूमि संबंधी कार्य आसानी से किए जाते थे। इस फर्जी कार्यालय में न केवल एक हल्का क्षेत्र बल्कि पूरे अंचल के मामलों को निपटाया जाता था।
छानबीन जारी, आरोपी के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई
इस पूरे मामले की गहन जांच मजिस्ट्रेट सुमन कुमार की निगरानी में की जा रही है, जबकि अंचल अधिकारी ब्रजेश कुमार द्विवेदी और उनकी टीम भी जांच में सहयोग कर रही है। बरामद दस्तावेजों की सीजर लिस्ट (जब्ती सूची) तैयार की जा रही है और आरोपी के बैंक खाते की भी जांच की जा रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि यह नेटवर्क कितना बड़ा है और इसमें कौन-कौन शामिल हैं।
एसडीएम ने दी जानकारी
एसडीएम विकास पांडेय ने बताया कि, “हमें कई महीनों से इस फर्जी अंचल कार्यालय की शिकायतें मिल रही थीं। छापेमारी के दौरान दस बोरी से अधिक महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज, 22,250 रुपये नकद, कंप्यूटर और प्रिंटर जब्त किए गए हैं। फिलहाल मजिस्ट्रेट द्वारा दस्तावेजों की जांच की जा रही है और आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
इस खुलासे के बाद प्रशासन अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि इस फर्जी कार्यालय से कितने लोगों के कार्य किए गए हैं और इसमें कौन-कौन संलिप्त थे। यह मामला सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और जालसाजी को उजागर करता है, जिस पर अब कड़ी कार्रवाई की जा रही है।