Dakhil Kharij Online Apply 2025: बिहार दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

Dakhil Kharij Online Apply 2025: बिहार दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

Dakhil Kharij Online Apply 2025: बिहार दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें? -बिहार में भूमि स्वामित्व में बदलाव की प्रक्रिया को “दाखिल खारिज” कहा जाता है। जब जमीन का स्वामित्व खरीद, बिक्री, दान, उत्तराधिकार, या वसीयत के जरिए बदलता है, तो उसे राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराना आवश्यक होता है। इससे नए मालिक का नाम आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज होता है और उसे कानूनी मान्यता प्राप्त होती है।

अब बिहार सरकार ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया है, जिससे नागरिकों को कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। इस लेख में हम बिहार दाखिल खारिज प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज़, आवेदन प्रक्रिया और इसके महत्व की जानकारी देंगे।

बिहार जमीन दाखिल खारिज क्या है?

बिहार में जमीन दाखिल खारिज (Land Mutation) एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें जमीन के स्वामित्व में हुए परिवर्तन को राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है।

दाखिल खारिज की आवश्यकता कब होती है?

  • खरीद-फरोख्त के बाद: जब जमीन खरीदी या बेची जाती है।
  • उत्तराधिकार के मामले में: जब जमीन विरासत में मिलती है।
  • दान या वसीयत के जरिए: जब जमीन का स्वामित्व दान पत्र या वसीयत के जरिए स्थानांतरित होता है।
  • विभाजन के बाद: परिवार या साझेदारों के बीच जमीन के बंटवारे के बाद।
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दाखिल खारिज का महत्व

  1. स्वामित्व का प्रमाण: सरकारी रिकॉर्ड में नए मालिक का नाम दर्ज होता है।
  2. सही राजस्व भुगतान: जमीन से संबंधित कर और राजस्व सही व्यक्ति के नाम पर जमा होता है।
  3. कानूनी सुरक्षा: भूमि विवादों से बचने में मदद मिलती है।
  4. सरकारी योजनाओं का लाभ: दाखिल खारिज के बाद मालिक सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।

ऑनलाइन दाखिल खारिज के लिए आवश्यक दस्तावेज़

  • बिक्री विलेख (Sale Deed) – जमीन की खरीद-फरोख्त का प्रमाण।
  • रजिस्ट्री प्रमाणपत्र – जमीन के पंजीकरण का दस्तावेज़।
  • पहचान पत्र – आधार कार्ड, पैन कार्ड या अन्य सरकारी आईडी।
  • पूर्व स्वामी का दस्तावेज़ – पिछले मालिक का स्वामित्व प्रमाण।
  • वसीयत या उत्तराधिकार प्रमाणपत्र – यदि जमीन उत्तराधिकार या वसीयत के माध्यम से मिली हो।

बिहार दाखिल खारिज ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया : Dakhil Kharij Online Apply 2025

बिहार में दाखिल खारिज के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। यहां दिए गए चरणों का पालन करें:

आधिकारिक पोर्टल पर जाएं: सबसे पहले बिहार भूमि पोर्टल पर जाएं।

ऑनलाइन दाखिल खारिज आवेदन” के विकल्प पर क्लिक करें। अपना मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी दर्ज करके रजिस्टर करें।

लॉगिन करें: 

रजिस्ट्रेशन के बाद, मोबाइल नंबर दर्ज करें और ओटीपी के माध्यम से लॉगिन करें।

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आवेदन भरें

सभी आवश्यक जानकारी सही-सही भरें। मांगे गए दस्तावेज़ अपलोड करें।

आवेदन सबमिट करें: 

सभी जानकारी की पुष्टि करें और “फाइनल सबमिट” पर क्लिक करें।

सत्यापन और स्वीकृति: 

आवेदन राजस्व कर्मचारी और अंचल अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाएगा। सत्यापन के बाद दाखिल खारिज की स्वीकृति मिल जाएगी और करेक्शन स्लिप जेनरेट होगी।

रसीद प्राप्त करें:

स्वीकृति के बाद, जमाबंदी धारक अपनी जमीन की रसीद ऑनलाइन डाउनलोड कर सकता है।

दाखिल खारिज की स्थिति कैसे जांचें?

बिहार भूमि पोर्टल पर जाएं।
“दाखिल खारिज आवेदन स्थिति” पर क्लिक करें।
आवेदन के समय मिले केस नंबर को दर्ज करें।
आवेदन की स्थिति स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी।

महत्वपूर्ण लिंक

क्र.लिंक विवरणलिंक
1.ऑनलाइन आवेदन करेंयहाँ क्लिक करें
2.आधिकारिक वेबसाइटयहाँ क्लिक करें
3.WhatsApp चैनल जॉइन करेंयहाँ क्लिक करें
4.Telegram चैनल जॉइन करेंयहाँ क्लिक करें

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

बिहार में दाखिल खारिज के लिए आवेदन करने में कितना समय लगता है?

आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने में आमतौर पर 15 से 30 दिन लगते हैं।

क्या दाखिल खारिज के लिए कोई शुल्क देना होता है?

हाँ, दाखिल खारिज के लिए नामांतरण शुल्क देना होता है, जो भूमि क्षेत्र और स्थान के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।

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यदि मेरा आवेदन अस्वीकृत हो जाए तो क्या कर सकते हैं?

यदि आवेदन अस्वीकृत हो जाता है, तो आपको अस्वीकृति के कारण को समझकर आवश्यक सुधार करने होंगे और फिर से आवेदन करना होगा।

दाखिल खारिज का प्रमाणपत्र कैसे प्राप्त करें?

आप बिहार भूमि पोर्टल से दाखिल खारिज की स्थिति चेक कर सकते हैं और स्वीकृति मिलने के बाद प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकते हैं।

क्या ऑनलाइन आवेदन के बाद ऑफलाइन सत्यापन जरूरी है?

हाँ, अंचल अधिकारी और राजस्व कर्मचारी द्वारा फील्ड वेरिफिकेशन किया जाता है।

निष्कर्ष

बिहार में जमीन दाखिल खारिज एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया है जो भूमि स्वामित्व को वैध और विवाद-मुक्त बनाती है। सरकार द्वारा इसे ऑनलाइन उपलब्ध कराने से यह प्रक्रिया अधिक सरल, तेज और पारदर्शी हो गई है। सभी भूमि स्वामियों को समय पर दाखिल खारिज कराना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी कानूनी समस्या से बचा जा सके।

मखन झा, TheMithila.com के एक उत्साही और सक्रिय कंटेंट क्रिएटर हैं। उन्हें 15 वर्षों तक साइबर कैफे चलाने का अनुभव है और वे सरकारी योजनाओं की बारीकियों को गहराई से समझते हैं।
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