IIT बाबा अभय सिंह की बहन ने मांगी माफी, कहा- ‘वो सही रास्ते पर था, लेकिन हम समझ नहीं पाए

IIT बाबा अभय सिंह की बहन ने मांगी माफी, कहा- 'वो सही रास्ते पर था, लेकिन हम समझ नहीं पाए

IIT बाबा अभय सिंह की बहन ने मांगी माफी, कहा- ‘वो सही रास्ते पर था, लेकिन हम समझ नहीं पाए -IIT से स्नातक होकर आध्यात्मिकता की राह अपनाने वाले अभय सिंह, जिन्हें आज ‘IIT बाबा’ के नाम से जाना जाता है, सोशल मीडिया और महाकुंभ में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। अपने प्रेरणादायक जीवन और बेबाक विचारों के लिए लोकप्रिय IIT बाबा ने न केवल महाकुंभ में, बल्कि देशभर में अपने अनुयायियों का बड़ा आधार बना लिया है। पहली बार उनकी बहन, मनजीत ग्रेवाल, ने मीडिया से बातचीत की और अभय सिंह के जीवन से जुड़े कई पहलुओं का खुलासा किया।

अभय सिंह का परिचय

अभय सिंह का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण परिवेश में हुई, लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें IIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में प्रवेश दिलाया। अभय ने एक समय में एक सफल इंजीनियर बनने का सपना देखा था, लेकिन जल्द ही उन्होंने अपने जीवन के असली उद्देश्य को पहचान लिया और एक आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का फैसला किया।

अभय सिंह का जीवन संघर्ष और बदलाव का प्रतीक है। IIT से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने एक प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी शुरू की, लेकिन नौकरी की व्यस्तता और आधुनिक जीवनशैली से उनका मन उचाट हो गया। धीरे-धीरे, उन्होंने आत्म-खोज और धर्म के मार्ग पर चलने का निर्णय लिया।

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बहन ने मानी अपनी गलती – IIT बाबा अभय सिंह की बहन ने मांगी माफी

अभय की बहन मनजीत ग्रेवाल, जो वर्तमान में विदेश में रहती हैं, ने स्वीकार किया कि वह अभय के उद्देश्यों को पहले नहीं समझ पाई थीं। उन्होंने एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, “जब अभय ने आध्यात्मिक जीवन अपनाने का फैसला किया, तब हम परिवार वाले उसे सही से नहीं समझ पाए। हमें लगा कि वह गलत कर रहा है, लेकिन आज मैं समझती हूं कि वह सही रास्ते पर था। अब मुझे इस बात का पछतावा है और मैं अपने भाई से मिलना चाहती हूं।”

अभय का संघर्षपूर्ण दौर

मनजीत ने बताया कि एक समय ऐसा था जब अभय डिप्रेशन में थे। कनाडा में रहते हुए उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो गया था। वह अकेलेपन का शिकार हो गए और खुद को दुनिया से अलग-थलग कर लिया। “खाने-पीने का मन नहीं करता था, किसी से बातचीत नहीं करते थे, और अपना ज्यादा समय अकेले बिताते थे,” उन्होंने कहा।

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कोविड-19 महामारी के दौरान, अभय और भी ज्यादा डिप्रेशन में चले गए। तब उन्होंने भारत लौटने और अपने जीवन को एक नई दिशा देने का फैसला किया। यह उनके जीवन का वह मोड़ था, जिसने उन्हें IIT बाबा बना दिया।

आलोचनाओं का सामना और दृढ़ निश्चय

IIT बाबा ने अपने सफर में कई आलोचनाओं का सामना किया। उनकी बहन ने खुलासा किया कि अभय ने एक बार कहा था, “जब लोग हमारे ज्ञान को नहीं समझ पाते, तो हमारे चरित्र पर सवाल उठाते हैं।” यह बयान उनकी दृढ़ता और आलोचनाओं का सामना करने की क्षमता को दर्शाता है।

परिवार के साथ रिश्ते

मनजीत ने कहा कि अभय ने परिवार से दूर रहने का फैसला अपने आध्यात्मिक सफर को लेकर किया। “उन्होंने हमेशा वही किया जो उन्हें सही लगा। आज मैं गर्व महसूस करती हूं कि उन्होंने अपने फैसले पर अडिग रहते हुए समाज में एक नई दिशा दी। लेकिन एक बहन के नाते मुझे उनसे न मिल पाने का दुख है। मैं चाहती हूं कि वह हमें एक बार मौका दें और हम उनसे मिल सकें।”

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महाकुंभ में IIT बाबा की प्रसिद्धि

महाकुंभ 2025 में, IIT बाबा ने अपनी आध्यात्मिकता और ज्ञान से लोगों का ध्यान खींचा है। उनकी सादगी, प्रभावशाली व्यक्तित्व और विचारधारा ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है। वह धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से समाज में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं।

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भगवान जी झा मिथिला के जाने-माने समाचार संपादक हैं। TheMithila.com पर वे मिथिला की भाषा, संस्कृति और परंपराओं को समर्पित लेखों के जरिए क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का प्रयास करते हैं।
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