यह मधुबनी जिले के पास राजनगर शहर में स्थित है। यहां सैकड़ों साल पहले राजा रामेश्वर के राजत्व को दर्शाता एक महल है। कहा जाता है कि राजनगर दरभंगा साम्राज्य की पुरानी राजधानी थी।
माता श्यामा काली मंदिर
दरभंगा जिले में मिथिला विश्वविद्यालय परिसर में स्थित यह माँ काली का भव्य मंदिर है।
जानकी मंदिर, सीतामढ़ी
जानकी मंदिर, सीतामढ़ी
दरभंगा किला
दरभंगा महाराज ने जब राजनगर से अपनी राजधानी हटाई तो दरभंगा में किला और कई महलों का निर्माण किया। लाल ईंटों से बना यह किला देश के चंद आकर्षक किलों में से एक है। किले में नरगौना पैलेस, आनंदबाग महल और बेला महल प्रमुख है।
बिस्फी, मधुबनी
मधुबनी जिला स्थित बिस्फी कवि कोकिल विद्यापति की जन्मस्थली है। उन्होंने यहां पर ही संस्कृत और मैथिली में कई ग्रंथों व गीतों की रचना की। कहते हैं कि विद्यापति के भक्तिभाव से अभिभूत होकर भगवान शंकर उगना बन कर उनके यहां चाकरी करने आए थे।
उच्चैठ भगवती मंदिर, मधुबनी
मधुबनी जिला के बेनीपट्टी गांव में सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती का मंदिर स्थित है। इसका ऐतिहासिक महत्व है।
उग्रतारा स्थान, सहरसा
सहरसा जिला में महिषी में स्थित है उग्रतारा स्थान। यह प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है।
अहिल्या स्थान, दरभंगा
दरभंगा जिला के जाले प्रखंड में अहिल्या स्थान स्थित है। माना जाता है कि अपने पति गौतम के श्राप से अहिल्या पत्थर बन गई थीं
दरभंगा जिला के जाले प्रखंड में अहिल्या स्थान स्थित है। माना जाता है कि अपने पति गौतम के श्राप से अहिल्या पत्थर बन गई थीं