जूड़ शीतल 2025 पर्वक विशेषता आ महत्व
मिथिलाक एक महत्वपूर्ण लोकपर्व जूड़ शीतल 15 अप्रैल 2025 (रविवार) के मनायल जा रहल अछि। एक दिन पूर्व सतुआइन 14 अप्रैल 2025 (शनिवार) के होयत।
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विवाह प्रमाण पत्र ऑनलाइन आवेदन 2025: संपूर्ण जानकारी और प्रक्रिया
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मिथिला क्षेत्र में, शुभ अवसरों पर आशीर्वाद के लिए कम से कम पाँच विवाहित पुरुष ब्राह्मणों द्वारा दूर्वाक्षत मंत्र का जाप किया जाता है । इस मंत्र का जाप आम तौर पर विवाह, कोजागरण ,उपनयन और मुंडन समारोह आदि के अवसर पर किया जाता है ।
मिथिला की पुण्य धरती पौराणिक , सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है | यह महाभारतकाल से लेकर रामायणकाल तक के कई प्रसंगों को अपनी गोद में समेटे हुई है |
तो क्या केवल पुस्तकों में रह जायेगा अहिल्या स्थान और विद्यापति डीह ? Read Post »
रामायण में वर्णित जनकपुर धाम का जितना वर्णन किया जाए कम है । यह माता सीता कि जन्म भुमि तथा श्री राम चंद्र की विवाह स्थली है ।
उच्चैठ भगवती मधुबनी के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र में स्थित है। यहाँ देवी दुर्गा का एक प्राचीन और विशाल मंदिर है। इस गाँव में देवी दुर्गा का एक अनोखा मंदिर है
प्राचीन विधि-विधान के अनुसार विवाह और सामाजिक व्यवस्था पर प्रकाश डालने के विषय में सौराठ मैथिल समाज का ऐतिहासिक महत्व रखता है।
कपिलेश्वर एक प्रसिद्ध धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है, जो बिहार के मधुबनी जिले में स्थित है। यह स्थान धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। कपिलेश्वर मंदिर दरभंगा-जयनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है, जो दरभंगा से लगभग 24 किलोमीटर उत्तर और मधुबनी से 12 किलोमीटर पश्चिम की ओर है।
मिथिला का असुरगढ़ किला – अतीत की एक अनसुलझी पहेली
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मण्डन मिश्र को इतिहास एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जानता हैं जिन्होंने ने शंकराचार्य को शास्त्रार्थ में तगड़ी टक्कर दी थी | उनकी पत्नी भारती ने तो शंकराचार्य शास्त्रार्थ में को हरा भी दिया था |
शंकराचार्य से शास्त्रार्थ करने वाले मण्डन मिश्र कौन थे ! Read Post »
मान्यता है कि लक्ष्मी स्वरूपा माँ जगदंबा आज भी राजा रत्नसेन की अकूत संपत्ति, जो यहीं कहीं दबी हुई है, की रक्षा करती हैं।
मिथिला में यह देवी आज भी करती है राजा के छुपे हुए खजाने की रक्षा ! Read Post »