मुज़फ्फरपुर: बिहार के मुज़फ्फरपुर जिले में आयोजित SSC GD कांस्टेबल परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। परीक्षा में अपनी जगह किसी और को बैठाने के इस मामले ने सबको चौंका दिया। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मुख्य मास्टरमाइंड अभी भी फरार है।
बाथरूम में छिपा असली परीक्षार्थी!
गुरुवार को मुज़फ्फरपुर के कच्ची-पक्की स्थित डिजिटल जोन IDZ सेंटर में यह मामला उजागर हुआ। सारण जिले का आकाश कुमार अपनी जगह वैशाली जिले के पिंटू कुमार को परीक्षा दिलवा रहा था। जब परीक्षा केंद्र के अधिकारियों को शक हुआ तो संदिग्ध परीक्षार्थी की फिंगरप्रिंट और फोटो जांच की गई। इससे खुलासा हुआ कि परीक्षा देने वाला व्यक्ति असली अभ्यर्थी नहीं है।
इसके बाद जब असली परीक्षार्थी की खोजबीन शुरू हुई तो आकाश केंद्र के बाथरूम में छिपा मिला। तुरंत ही पुलिस को सूचना दी गई और आकाश व पिंटू कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले का मास्टरमाइंड अजीत कुमार अभी फरार है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा?
परीक्षा केंद्र के कमांडिंग ऑफिसर शुभम कुमार ने बताया कि पटना के क्षेत्रीय प्रबंधक से सूचना मिली थी कि परीक्षा में फर्जीवाड़ा हो रहा है। सूचना के आधार पर, अधिकारियों ने संदिग्ध परीक्षार्थी को बुलाकर फिंगरप्रिंट और फोटो का मिलान किया, जिससे सच्चाई सामने आ गई।
पुलिस मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी
पूछताछ के दौरान आकाश कुमार ने कबूल किया कि उसने अपनी जगह पिंटू को परीक्षा में बैठाया था। वहीं, पिंटू ने बताया कि पटना के अजीत कुमार ने उसे परीक्षा देने के लिए पैसे दिए थे। हालांकि, इस सौदे में कितनी रकम दी गई थी, इसका अभी खुलासा नहीं हुआ है।
हाजीपुर में बनी थी पूरी साजिश
जांच में पता चला कि यह पूरा खेल हाजीपुर के दिघी इलाके में रचा गया था। यहीं पर आकाश और अजीत की मुलाकात हुई थी, जहां से पूरे फर्जीवाड़े की योजना बनाई गई।
पुलिस का बड़ा खुलासा जल्द संभव!
पुलिस को शक है कि इस गिरोह में कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। मुज़फ्फरपुर पुलिस इस मामले में बड़े स्तर पर कार्रवाई कर सकती है। इस घटना ने एक बार फिर परीक्षा प्रणाली में सुरक्षा उपायों की खामियों को उजागर किया है। अब देखना यह होगा कि पुलिस कब तक इस मामले में सभी आरोपियों को पकड़ने में सफल होती है।