सीतामढ़ी में 4 फरवरी की शाम, 14 वर्षीय एक नाबालिग लड़की सरस्वती पूजा देखने के लिए अपने घर के पास गई थी। परिवार के सभी सदस्य भोजन के बाद सोने चले गए थे। रात के लगभग 2 बजे, नाबालिग घर लौटी और अपनी माँ को बताया कि प्रिंस कुमार नामक लड़के ने उसके साथ अनैतिक कार्य किया है। प्रिंस कुमार रीगा के इमली बाजार का निवासी है। नाबालिग ने बताया कि प्रिंस ने उसे सरस्वती पूजा दिखाने के बहाने सुनसान जगह पर ले जाकर जबरन उसके साथ गलत काम किया।
नाबालिग की माँ ने जब पूछा कि प्रिंस से उसकी जान-पहचान कैसे हुई, तो नाबालिग ने बताया कि वे पहले मोबाइल पर बातचीत करते थे और इसी क्रम में जान-पहचान हो गई थी। प्रिंस कुमार ने लड़की को पूजा दिखाने के बहाने रीगा झंडा गाछी के पास ले जाकर जबरन उसके साथ गलत काम किया और उसे उसी स्थिति में छोड़ दिया। नाबालिग अपने घर अकेले ही लौटी और घटना की जानकारी अपनी माँ को दी।
नाबालिग की माँ ने पुलिस से आरोपित लड़के के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। इस घटना ने समाज में उठते प्रेम और विश्वास के नाम पर हो रहे दुराचार पर एक बार फिर विचार करने की आवश्यकता पैदा की है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे समाज में ऐसे कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे।
यह घटना सभी के लिए एक चेतावनी है कि प्यार और विश्वास के नाम पर किए जाने वाले किसी भी कृत्य को उचित ठहराया नहीं जा सकता और हमें अपनी संतानों की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना चाहिए। समाज की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें अपने बच्चों को सही और गलत का भेद समझाना होगा और उन्हें यह भी सिखाना होगा कि किसी भी परिस्थिति में अनजान व्यक्तियों पर अंधविश्वास न करें। इसके साथ ही हमें समाज में जागरूकता फैलानी होगी ताकि ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जा सके।
आइए, हम सब मिलकर एक सुरक्षित और स्वस्थ समाज का निर्माण करें, जहां हर बच्चे को सुरक्षित माहौल मिले और उन्हें अपने भविष्य की चिंता न करनी पड़े।
यह ध्यान देने वाली बात है कि पिछले कुछ वर्षों में ऐसे मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में बच्चों के खिलाफ अपराधों में 30.8% की वृद्धि दर्ज की गई है। 2021 में, कुल 19,055 बच्चों के खिलाफ अपराध दर्ज किए गए, जो 2020 की तुलना में 26.7% की वृद्धि दर्शाते हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में, 2022 की NCRB रिपोर्ट में बताया गया है कि हर घंटे 51 महिलाओं के खिलाफ अपराध होते हैं, जो साल में कुल 4.4 लाख से अधिक मामलों के बराबर हैं। इनमें से अधिकांश अपराधों की श्रेणी में पति या उनके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता, अपहरण और उत्पीड़न, मर्यादा भंग करने की नीयत से हमला, और बलात्कार शामिल हैं।
यह आंकड़े बताते हैं कि कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए मजबूत उपायों की सख्त जरूरत है और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए हमें ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
Bhai Sahab Isme Ladkiyon ki bhi galti hoti hai hai. Kai cases main ladke se bhi jyada.
Aur agar koi baat hoti hai to ladke ko phansa deti hai