सरसों के कली सिया, जोत महान हे लिरिक्स – Sarso Ke Kali Siya Jot Mahan He

Parati Geet Lyrics | पराती लोकगीत - मैथिली प्राति गीत लिरिक्स

सरसों के कली सिया, जोत महान हे लिरिक्स – Sarso Ke Kali Siya Jot Mahan He

सरसों के कली सिया, जोत महान हे, तीसी फूल,
रंग दुलहा सोहान हे, तीसी फूल।

हियरा दियटिया में नेहिया चुआन हे, रस-रस,
प्रान बतिया जरान हे, रस-रस।

छवि-माधुरी-रस झहरि झहरान हे, भींजि-भींजि,
सब सखिया नहान हे, भींजि-भींजि।

सब जग भरल अन्हरबा महान हे, मोर अँगना,
उगल चार-चार चाँन हे, मोर अँगना।

जेकरा लागी जोगी-मुनी बन में ध रे ध्यान हे, सोई प्रभु,
मोरा अँगना कूटे धान हे, सोई प्रभु।

पाओल ‘करील’ ऐसन मेहमान हे, अब कछु,
नहिं जिया अरमान हे, अब कछ।

जय चन्द्र झा हास्य और व्यंग्य लेखन में माहिर हैं, जिनका इस क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव है। उनकी रचनाएँ मिथिला की संस्कृति, समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर हास्यपूर्ण व तीखे व्यंग्य के साथ गहरी छाप छोड़ती हैं।
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