पूजा के हेतु शंकर आयल छी हम पुजारी / मैथिली लोकगीत

Parati Geet Lyrics | पराती लोकगीत - मैथिली प्राति गीत लिरिक्स

पूजा के हेतु शंकर आयल छी हम पुजारी
जानी ने मंत्र-जप-तप, पूजा के विधि ने जानी
तइयो हमर मनोरथ, पूरा करू हे दानी
चुप भए किए बइसल जी, खोलू ने कने केबारी
बाबा अहाँके महिमा, बच्चेसँ हम जनइ छी
दर्शन दिअऽ दिगम्बर, दर्शन केर हम भिखारी
हे नाथ हम अनाथे, वर दय करू सनाथे
मिनती करू नमेश्वर, कर जोड़ि दुनू हाथे
डामरु कने बजाउ, गाबइ छी हम नचारी

जय चन्द्र झा हास्य और व्यंग्य लेखन में माहिर हैं, जिनका इस क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव है। उनकी रचनाएँ मिथिला की संस्कृति, समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर हास्यपूर्ण व तीखे व्यंग्य के साथ गहरी छाप छोड़ती हैं।
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