Maithili Bhasha Kahan Boli Jaati Hai? जानिए विस्तार से

Maithili Bhasha Kahan Boli Jaati Hai? जानिए विस्तार से

Maithili Bhasha Kahan Boli Jaati Hai? जानिए विस्तार से -Maithili Bhasha भारत और नेपाल में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। यह इंडो-आर्यन भाषा समूह से संबंधित है और इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त मैथिली भाषा साहित्य, संस्कृति और संवाद का प्रमुख साधन है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि “Maithili Bhasha Kahan Boli Jaati Hai”, और भारत और नेपाल के किन-किन जिलों में इसका प्रचलन है।

Maithili Bhasha Kahan Boli Jaati Hai?

मैथिली भाषा मुख्य रूप से भारत के बिहार राज्य और नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाती है। इसे बिहार के मिथिला क्षेत्र की प्रमुख भाषा माना जाता है। नेपाल में इसे मधेश क्षेत्र की एक बड़ी आबादी द्वारा बोला और समझा जाता है।

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भारत में मैथिली भाषा कहां बोली जाती है?

भारत के बिहार राज्य में मैथिली भाषा का सबसे अधिक प्रभाव है। इसके अलावा झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी यह बोली जाती है।

नेपाल में मैथिली कहां बोली जाती है?

नेपाल के तराई क्षेत्र, जिसे मधेश क्षेत्र भी कहा जाता है, में मैथिली भाषा बोली जाती है। यह नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी मातृभाषा है।

मैथिली भाषा: जिला वार विवरण

नीचे भारत और नेपाल के जिलों में मैथिली भाषा के प्रचलन की तालिका दी गई है।

भारत में मैथिली भाषा के जिले

राज्यजिला
बिहारदरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया, कटिहार, खगड़िया, बेगूसराय, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, और वैशाली
झारखंडदेवघर, गोड्डा, दुमका, साहेबगंज, गिरीडीह
उत्तर प्रदेशबलिया, गाजीपुर के कुछ हिस्से

नेपाल में मैथिली भाषा के जिले

प्रदेशजिला
मधेश प्रदेशधनुषा, महोत्तरी, सर्लाही, रौतहट, सप्तरी, सिरहा, बारा, और पर्सा
कोशी प्रदेशमोरंग, सुनसरी, और उदयपुर

मैथिली भाषा की विशेषताएं

  1. लिपि: मैथिली भाषा की प्राचीन लिपि तिरहुत (मिथिलाक्षर) है, लेकिन अब यह देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।
  2. संविधान में स्थान: मैथिली भाषा को भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में 2003 में जोड़ा गया।
  3. लोकप्रिय साहित्य: विद्यापति मैथिली साहित्य के सबसे प्रसिद्ध कवि हैं।
  4. संस्कृति का हिस्सा: मैथिली भाषा मिथिला क्षेत्र की संस्कृति, खानपान, और त्योहारों को जीवंत बनाती है।
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मैथिली भाषा का महत्व

मैथिली भाषा केवल संवाद का साधन नहीं है, बल्कि यह मिथिला क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत, लोककथाओं, और पारंपरिक मूल्यों का प्रतीक भी है। इसे सीखने और संरक्षित करने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।

सारांश

मैथिली भाषा न केवल संवाद का माध्यम है, बल्कि यह मिथिला की संस्कृति, साहित्य, और इतिहास का अहम हिस्सा है। यह भारत और नेपाल दोनों जगहों पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि आप मैथिली भाषा को गहराई से समझना चाहते हैं, तो इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व जानना बेहद जरूरी है।

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मैथिली भाषा – इतिहास और उत्पत्तिजानें
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FAQ – Maithili Bhasha Kahan Boli Jaati Hai?

मैथिली भाषा भारत में कहां बोली जाती है?

मैथिली मुख्य रूप से बिहार के मिथिला क्षेत्र के जिलों (जैसे दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर) और झारखंड के कुछ हिस्सों में बोली जाती है।

नेपाल में मैथिली भाषा कहां बोली जाती है?

नेपाल के मधेश प्रदेश और कोशी प्रदेश के जिलों में मैथिली बोली जाती है।

मैथिली भाषा की लिपि क्या है?

मैथिली भाषा की प्राचीन लिपि तिरहुत या मिथिलाक्षर है, लेकिन वर्तमान में इसे देवनागरी लिपि में लिखा जाता है।

मैथिली भाषा का भारत और नेपाल में क्या महत्व है?

भारत में मैथिली को आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त है। नेपाल में यह दूसरी सबसे बड़ी मातृभाषा है।

मैथिली भाषा क्यों महत्वपूर्ण है?

यह भाषा मिथिला क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान, साहित्यिक विरासत, और परंपराओं को संजोए रखती है।

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प्रो. शिव चन्द्र झा, के.एस.डी.एस.यू., दरभंगा में धर्म शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर रहे हैं। उनके पास शिक्षण का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने मैथिली भाषा पर गहन शोध किया है और प्राचीन पांडुलिपियों को पढ़ने में कुशलता रखते हैं।
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