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मिथिला विश्वविद्यालय परिसर में कन्या उत्थान योजना के लाभार्थियों की उमड़ी भीड़

मिथिला विश्वविद्यालय परिसर में कन्या उत्थान योजना के लाभार्थियों की उमड़ी भीड़

दरभंगा, बिहार: मिथिला विश्वविद्यालय परिसर में हाल ही में कन्या उत्थान योजना का लाभ लेने वाली छात्राओं की भारी भीड़ देखी गई। यह भीड़ उन छात्राओं की थी, जिन्होंने योजना के लिए आवेदन किया था, लेकिन पोर्टल पर उनके नाम प्रदर्शित नहीं हो रहे थे। दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और बेगूसराय जैसे जिलों से आई छात्राएं आवेदन की हार्ड कॉपी जमा करने के लिए विश्वविद्यालय पहुंचीं।

इस दौरान, छात्राओं को आवेदन प्रक्रिया में आई तकनीकी दिक्कतों और लंबी कतारों के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

योजना की प्रमुख जानकारी

कन्या उत्थान योजना बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जो बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने और समाज में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती है। इस योजना के तहत छात्राओं को स्नातक की पढ़ाई पूरी करने पर ₹50,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

योजना की विशेषताएँ:

  1. प्रोत्साहन राशि: स्नातक पास करने वाली छात्राओं को ₹50,000 का भुगतान।
  2. लागू सत्र: 2021 से 2023 के बीच स्नातक करने वाली सभी छात्राएं पात्र हैं।
  3. आवेदन प्रक्रिया:
    • छात्राएं ऑनलाइन पोर्टल (medhasoft.bihar.gov.in) पर आवेदन करती हैं।
    • सत्यापन के बाद छात्राओं को राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है।
  4. दस्तावेज़ की आवश्यकता: स्नातक प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, और अन्य विवरण।
  5. लक्ष्य: राज्य में महिला शिक्षा को बढ़ावा देना और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना।
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समस्या और समाधान

छात्राओं ने शिकायत की कि:

  • पोर्टल पर उनके नाम नहीं दिख रहे थे, जिसके कारण उन्हें दस्तावेज़ की हार्ड कॉपी जमा करनी पड़ी।
  • आवेदन प्रक्रिया में तकनीकी खामियों के कारण अनावश्यक भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार ने इस समस्या पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सभी छात्राओं को योजना का लाभ दिया जाएगा। अगर पोर्टल पर नाम नहीं दिख रहा है तो भी घबराने की आवश्यकता नहीं है। आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने और तकनीकी खामियों को सुधारने के प्रयास जारी हैं।”

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योजना से जुड़े कुछ आँकड़े (2021-2023)

विवरणआँकड़े / जानकारी
आवेदन करने वाली छात्राएं (2021-2023)3.5 लाख से अधिक छात्राएं (अनुमानित)
अब तक भुगतान की गई राशि₹1,200 करोड़ (2021 से अब तक)
पोर्टल पर लंबित आवेदनलगभग 10,000 से अधिक (तकनीकी कारणों से)
शिकायतें दर्ज हुईं5,000 से अधिक छात्राओं ने पोर्टल से जुड़ी समस्याओं की शिकायत की।
बिहार के जिलों की भागीदारीसभी 38 जिलों की छात्राओं ने इस योजना के लिए आवेदन किया।
लाभार्थियों में वृद्धिपिछले वर्षों की तुलना में महिला स्नातकों की संख्या में 30% की वृद्धि।

आवेदन की अंतिम तिथि और जरूरी निर्देश

  • अंतिम तिथि: योजना के लिए आवेदन 9 जनवरी 2025 तक किया जा सकता है।
  • ऑनलाइन पोर्टल: medhasoft.bihar.gov.in
  • दस्तावेज़ जमा करने का तरीका:
    1. ऑनलाइन पोर्टल पर सभी जानकारी भरें।
    2. हार्ड कॉपी जमा करने की स्थिति में, अपने जिले के नजदीकी विश्वविद्यालय में जाएं।
    3. हेल्पलाइन नंबर या ईमेल के माध्यम से किसी भी तकनीकी समस्या की शिकायत दर्ज कराएं।
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कन्या उत्थान योजना का सामाजिक प्रभाव

  1. शिक्षा में लैंगिक समानता: इस योजना ने राज्य में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली लड़कियों की संख्या में वृद्धि की है।
  2. आर्थिक सशक्तिकरण: छात्राओं को वित्तीय मदद देकर आत्मनिर्भर बनने में सहायता।
  3. महिला सशक्तिकरण: यह योजना बालिकाओं और उनके परिवारों को शिक्षा के प्रति जागरूक बना रही है।
  4. ग्रामीण क्षेत्र का विकास: ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली छात्राओं को इस योजना से अधिक लाभ हुआ है।

निष्कर्ष

कन्या उत्थान योजना बिहार सरकार की महिलाओं को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत पहल है। हालांकि, तकनीकी समस्याओं ने कई छात्राओं के लिए असुविधा उत्पन्न की है, लेकिन प्रशासन इन समस्याओं को हल करने का आश्वासन दे रहा है। यह योजना न केवल बालिकाओं के सपनों को पंख देती है, बल्कि राज्य में सामाजिक और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देती है।

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Prof Of Dharma Shastra In KSDSU Darbhanga . Has A Over 40 Year Experience In Teaching and also done research in Maithili. Able to read pandulipi
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