लनामिवि को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव जल्द केंद्र को भेजा जाएगा -ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (लनामिवि) को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। शनिवार को कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में हुई सिंडिकेट बैठक में इस प्रस्ताव को पारित कर केंद्र सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया। इस पहल से न केवल लनामिवि बल्कि पूरे मिथिला क्षेत्र को शैक्षिक और बौद्धिक लाभ होगा।
सिंडिकेट बैठक के मुख्य बिंदु
केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि लनामिवि को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। यह कदम विश्वविद्यालय की संरचनात्मक और अकादमिक प्रगति को गति देगा।
उन्नत भवनों का निर्माण
लनामिवि परिसर में आधुनिक और सुविधायुक्त सीनेट और सिंडिकेट भवन के निर्माण का प्रस्ताव भी पारित किया गया। इन भवनों के निर्माण से प्रशासनिक कार्यों में तेजी और सुव्यवस्था सुनिश्चित होगी।
नई शिक्षा नीति के अनुरूप कार्य योजना
बैठक में नई शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत विश्वविद्यालय और विमेंस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (WIT) का रोडमैप तैयार करने पर विचार किया गया। यह योजना छात्रों के समग्र विकास और गुणवत्ता शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई जाएगी।
दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में पुनः नामांकन
दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में नामांकन प्रक्रिया को पुनः शुरू करने पर भी चर्चा की गई। इस पहल से दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों को लाभ होगा और वे अपनी शिक्षा को जारी रख सकेंगे।
आउटसोर्स कर्मियों के वेतन सत्यापन
विश्वविद्यालय में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों के वेतन सत्यापन और निर्धारण के लिए आठ सदस्यीय समिति के गठन पर सहमति बनी। यह कदम पारदर्शिता और कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए उठाया गया है।
लॉ कॉलेज में नामांकन बहाली
बैठक में लॉ कॉलेज में नामांकन प्रक्रिया को फिर से बहाल करने पर विचार किया गया। यह निर्णय क्षेत्र के विधि छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया।
महिला कॉलेजों में चार वर्षीय बीएड कोर्स
सिंडिकेट ने विश्वविद्यालय के सभी महिला कॉलेज और जनता कोशी कॉलेज, बिरौल में चार वर्षीय बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू करने पर सहमति दी। यह कोर्स नियमों के अनुरूप संचालित किया जाएगा।
राज पुस्तकालय का डिजिटलाइजेशन
राज पुस्तकालय को डिजिटलाइज करने का प्रस्ताव पारित किया गया। यह प्रयास शोधार्थियों और छात्रों के लिए पुस्तकालय को अधिक सुलभ और उपयोगी बनाएगा।
ऑडिटोरियम का निर्माण
मनोकामना मंदिर की खाली भूमि पर दो हजार लोगों की क्षमता वाले ऑडिटोरियम के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया। यह ऑडिटोरियम सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए उपयोगी होगा।
उपस्थिति और योगदान
बैठक में सांसद गोपालजी ठाकुर, राज्यसभा सांसद डॉ. फैयाज अहमद, प्रो. अमर कुमार, डॉ. दिलीप चौधरी, प्रो. विजय यादव, डॉ. धनेश्वर प्रसाद सिंह समेत कई शिक्षाविदों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया। इन सभी ने प्रस्तावित योजनाओं पर अपने सुझाव और विचार रखे।
लनामिवि के लिए एक ऐतिहासिक क्षण
सिंडिकेट की यह बैठक लनामिवि के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। यदि लनामिवि को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलता है, तो यह पूरे मिथिला क्षेत्र के शैक्षिक और सांस्कृतिक विकास में बड़ा बदलाव लाएगा।