मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा इलाके में इमलीचट्टी बस स्टैंड के पास जिला परिषद मार्केट में एक दिल दहलाने वाली ठगी का मामला सामने आया है। गुरुवार को मुसहरी प्रखंड के नवादा गांव की सरस्वती देवी अपनी ननद शकुंतला के साथ डॉक्टर को दिखाने आई थीं, तभी उन्हें दो युवकों ने ठगी का शिकार बना लिया। यह घटना एक साल पहले हुए ठगी के मामले से काफी मिलती-जुलती है, जिसमें पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष इंद्रा देवी के पति और बोचहा विधायक अमर पासवान के भाई सुरेश पासवान भी ठगे गए थे।
कैसे हुआ ठगी का शिकार:
सरस्वती देवी और उनकी ननद शकुंतला नवादा गांव से जुरन छपरा डॉक्टर को दिखाने के लिए मुजफ्फरपुर आई थीं। जब वे इमलीचट्टी बस स्टैंड के पास जिला परिषद मार्केट में पहुंचे, तो उन्हें दो युवक मिले। इनमें से एक युवक ने बस स्टैंड का रास्ता पूछा, जिसे महिलाओं ने बताया। लेकिन वह युवक वहीं रुक गया, और दूसरे युवक ने महिलाओं के जेवरात की तारीफ करना शुरू कर दिया। इस युवक ने कहा कि उसका एक दोस्त पुराने जेवर खरीदता है और उसने पूछा कि क्या महिलाएं अपने जेवर दिखा सकती हैं। युवक ने कहा कि अगर उनके जेवर पसंद आए तो उन्हें अच्छे दाम मिलेंगे।
नकली नोटों का बंडल:
इस युवक ने तुरंत एक लाख रुपये के नकली नोटों का बंडल सरस्वती देवी के हाथ में दे दिया। सरस्वती देवी ने अपना सोने का चेन, कान के झुमके और ढोलना, जिनकी कीमत लगभग एक लाख रुपये थी, युवकों को दे दिए। युवक ने जेवर लेकर यह कहा कि वह अपने दोस्त को दिखाने के लिए जा रहा है और जल्द ही लौट आएगा। उन्होंने नोटों का बंडल महिलाओं को जमानत के तौर पर रखने के लिए दिया।
लेकिन जब महिलाएं घंटों इंतजार करने के बाद निराश हो गईं और नोटों का बंडल खोला, तो पाया कि बंडल में ऊपर और नीचे एक-एक असली नोट था, बाकी सभी नोट रद्दी कागज से भरे हुए थे। इस पर उन्हें समझ में आ गया कि उनके साथ ठगी हुई है। तुरंत ही उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस को संदेह:
पुलिस को संदेह है कि वही गिरोह फिर से सक्रिय हो गया है, जिसने पहले भी ऐसी ठगियों को अंजाम दिया था। पुलिस ने बताया कि सरस्वती देवी और उनकी ननद शकुंतला इस घटना से गहरे सदमे में हैं और ठीक से बात भी नहीं कर पा रही हैं। पुलिस ने उन्हें लिखित शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा है।
यह घटना पिछले साल हुई ठगी के मामले से मिलती-जुलती है, जिसमें पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष इंद्रा देवी के पति और बोचहा विधायक अमर पासवान के भाई सुरेश पासवान भी इसी तरह ठगे गए थे। ठगों का हुलिया भी उसी तरह का था, जिससे पुलिस का शक और भी गहरा गया है कि वही गिरोह फिर से सक्रिय हो सकता है।
CCTV फुटेज और जांच:
पुलिस ने पहले भी संदिग्धों के CCTV फुटेज जारी किए थे, लेकिन अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिल सका है। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और ठगों की तलाश जारी है।
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि ठग गिरोह सतर्कता के साथ काम कर रहे हैं और आम लोगों को धोखा देने के लिए नए तरीके खोज रहे हैं। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए लोगों को और अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।