बिहार के पूर्णिया जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति को अपनी दो पत्नियों के बीच बंटकर रहना पड़ा। इस मामले में पहली पत्नी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जब उसे पता चला कि उसके पति ने बिना बताए दूसरी शादी कर ली है। इसके बाद पुलिस ने मामले को परिवार परामर्श केंद्र को सौंप दिया, जहां काउंसलिंग के बाद एक अनोखा हल निकाला गया।
पहली पत्नी ने पुलिस में दी थी शिकायत:
पूर्णिया में एक व्यक्ति ने अपनी पहली पत्नी को बिना बताए दूसरी शादी कर ली थी। उसकी पहली पत्नी से दो बच्चे भी थे। जब पहली पत्नी को इस दूसरी शादी के बारे में जानकारी मिली, तो उसने तुरंत पूर्णिया के एसपी कार्तिकेय शर्मा से शिकायत की। एसपी ने मामले को परिवार परामर्श केंद्र को सौंप दिया, ताकि दोनों पक्षों की बात सुनकर समाधान निकाला जा सके।
पति ने अपनी गलती मानी:
परिवार परामर्श केंद्र में हुई काउंसलिंग के दौरान पति ने अपनी गलती स्वीकार की। उसने कहा कि वह अपनी पहली पत्नी और बच्चों के पास वापस जाना चाहता है, लेकिन उसकी दूसरी पत्नी उसे रोकती है। दूसरी पत्नी से भी उसके बच्चे हैं, और वह इस स्थिति में फंसा हुआ महसूस कर रहा था। पति ने बताया कि जब वह पहली पत्नी के पास जाता है, तो दूसरी पत्नी उसे धमकाती है। इस कारण वह दोनों पत्नियों के बीच के झगड़ों से तंग आ चुका था और समाधान नहीं निकाल पा रहा था।
परिवार परामर्श केंद्र का हल:
परिवार परामर्श केंद्र ने इस अनोखे मामले का हल निकाला। केंद्र ने पति को हफ्ते में तीन दिन पहली पत्नी के पास और तीन दिन दूसरी पत्नी के पास रहने का आदेश दिया। इस पर दूसरी पत्नी ने आपत्ति जताई, जिससे मामला थोड़ी देर के लिए गरमाया। लेकिन अंततः दोनों पत्नियों के बीच समझौता हो गया और पति को हफ्ते में तीन दिन पहली पत्नी के पास और तीन दिन दूसरी पत्नी के पास रहने का निर्णय लिया गया।
इसके अलावा, परिवार परामर्श केंद्र ने यह भी आदेश दिया कि पति को अपनी पहली पत्नी को हर महीने बच्चों के खर्च के लिए 4000 रुपये देने होंगे, ताकि बच्चों की पढ़ाई और अन्य जरूरतों का ध्यान रखा जा सके।
निष्कर्ष:
यह निर्णय दोनों पत्नियों द्वारा मंजूर कर लिया गया, और अब यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। इस अद्वितीय समाधान ने समाज में दो पत्नियों के बीच के विवादों को निपटाने का एक अलग तरीका प्रस्तुत किया है। यह घटना बताती है कि परिवार के मामलों में समाधान निकलने के लिए सही मार्गदर्शन और काउंसलिंग कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है।