Darbhanga News -बिना बारिश और बाढ़ के, गेहुंआ नदी में इतना पानी कैसे आया? किसानों की उम्मीदें टूटीं

Darbhanga News -बिना बारिश और बाढ़ के, गेहुंआ नदी में इतना पानी कैसे आया? किसानों की उम्मीदें टूटीं

Darbhanga News – बिना बारिश और बाढ़ के, गेहुंआ नदी में इतना पानी कैसे आया? किसानों की उम्मीदें टूटीं

दरभंगा जिले के किरतपुर प्रखंड के किसानों के लिए यह साल बेहद मुश्किल भरा साबित हो रहा है। गेहुंआ नदी में अचानक आए पानी ने सैकड़ों एकड़ में लहलहाती फसलों को डुबा दिया है। किसान यह सोचकर हैरान और परेशान हैं कि बारिश और बाढ़ के बिना यह पानी कहां से आया। रसियारी, झगरुआ, तरवारा और भुभौल जैसे कई गांवों में बाढ़ का पानी फैलने से खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं।

किसानों की दयनीय स्थिति

महिला किसान सीता देवी, जिन्होंने खेती के लिए महाजन से कर्ज लिया और गहने गिरवी रखे थे, इस संकट से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। उनकी फसल पूरी तरह पानी में डूब चुकी है। अब उनके सामने सवाल यह है कि वे अपने बच्चों को क्या खिलाएंगी और पशुओं के लिए चारा कैसे जुटाएंगी। सीता देवी के लिए कर्ज चुकाने और अपने परिवार का पेट भरने की चुनौती असहनीय होती जा रही है।

और पढें  Central Level OBC NCL Certificate Apply- OBC NCL सर्टिफिकेट कैसे बनायें

इसी तरह, किसान मंगू चौपाल ने भी अपना दर्द बयां किया। उनके खेतों में बाढ़ का पानी भर गया, जिससे सारी फसलें बर्बाद हो गईं। उन्होंने बताया कि यह इलाका हर साल बाढ़ की चपेट में आता है, लेकिन इस बार की बाढ़ ने बिना किसी पूर्व चेतावनी के उन्हें बर्बादी के कगार पर ला खड़ा किया है। किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने जल्द मदद नहीं की, तो उनके लिए गुजारा करना मुश्किल हो जाएगा।

नेपाल से आए पानी ने बढ़ाई मुश्किलें

बाढ़ का कारण नेपाल से कोसी नदी के जरिए आए पानी को बताया जा रहा है। कोसी नदी में जलस्तर बढ़ने से गेहुंआ नदी में पानी भर गया, जिसने तटबंधों को पार कर खेतों में फैलाव कर लिया। यह पानी बेमौसम होने के कारण किसानों के लिए और भी बड़ा झटका साबित हुआ है। गेहूं, मक्का, दलहन और तिलहन की फसलें, जो लगभग तैयार थीं, अब पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं।

और पढें  PM Vidya Lakshmi Yojana 2025 ऑनलाइन आवेदन | बिना गारंटी के मिलेगा ₹10 लाख तक का लोन

किसानों के अनुसार, बाढ़ का पानी हर साल उनके इलाके में तबाही मचाता है, लेकिन सरकार इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने में विफल रही है। किसानों की मांग है कि उन्हें इस नुकसान का मुआवजा दिया जाए और इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

किरतपुर के अंचलाधिकारी आशुतोष सनी ने बताया कि फसल नुकसान का आकलन करने के लिए कृषि अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। निरीक्षण के बाद तैयार की गई रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर मुआवजा जारी किया जाएगा। साथ ही, बाढ़ के पानी की निकासी के उपाय भी किए जा रहे हैं, ताकि और अधिक नुकसान न हो।

प्रशासन ने माना कि रसियारी, झगरुआ, तरवारा और भुभौल सहित अन्य गांवों में फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। हालांकि, किसानों का कहना है कि हर साल की इस आपदा से बचने के लिए स्थायी समाधान की आवश्यकता है।

और पढें  दरभंगा: स्कूल जा रहे शिक्षक की गोली मारकर हत्या, अपराधियों के हौसले बुलंद

सरकार से उम्मीदें

किसानों का भविष्य अब पूरी तरह सरकार की ओर देख रहा है। उनके पास खेती के लिए फिर से शुरूआत करने के साधन नहीं बचे हैं। ऐसे में वे सरकार से न केवल मुआवजा बल्कि इस समस्या का स्थायी हल निकालने की मांग कर रहे हैं। अगर समय रहते इनकी मदद नहीं की गई, तो इस इलाके के किसान भुखमरी और कर्ज के जाल में फंस सकते हैं।

मखन झा, TheMithila.com के एक उत्साही और सक्रिय कंटेंट क्रिएटर हैं। उन्हें 15 वर्षों तक साइबर कैफे चलाने का अनुभव है और वे सरकारी योजनाओं की बारीकियों को गहराई से समझते हैं।
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Scroll to Top