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मुश्किल में फंसे दरभंगा के कलेक्टर

मुश्किल में फंसे दरभंगा के कलेक्टर

पटना हाईकोर्ट ने दरभंगा के कलेक्टर, सरवारा के अंचल अधिकारी (सीओ), और सिमरी थाना के एसएचओ को अदालत के आदेश की अवहेलना के मामले में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। यह मामला दरभंगा के सरवारा क्षेत्र में अस्पताल निर्माण के लिए दान की गई भूमि पर पंचायत भवन के अवैध निर्माण से जुड़ा है। न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकल पीठ ने मधुरेश कुमार वर्मा और अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे यह स्पष्ट करें कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए। इसके साथ ही, सभी अधिकारियों को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।

इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि उन्होंने अस्पताल निर्माण के उद्देश्य से उक्त भूमि दान की थी। लेकिन इसके विपरीत, वहां पंचायत भवन का निर्माण कार्य जारी है। अदालत ने पहले, 28 मार्च 2024 को, इस निर्माण कार्य पर रोक लगाने का आदेश दिया था। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ वर्मा ने अदालत को जानकारी दी कि सरकार ने अदालत के आदेश की अवहेलना करते हुए क्रिसमस की छुट्टियों के दौरान दिन-रात निर्माण कार्य तेज कर दिया।

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अदालत ने राज्य सरकार से यह स्पष्टीकरण मांगा है कि अस्पताल के लिए दान की गई भूमि पर पंचायत भवन का निर्माण क्यों किया जा रहा है। दरभंगा के कलेक्टर को अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि वे इस मामले में हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करें। अदालत ने यह भी कहा था कि यदि कलेक्टर ने समय पर जवाब नहीं दिया, तो उन्हें अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा।

इस विवाद की गंभीरता को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने दरभंगा के जिला जज को निर्माण स्थल का निरीक्षण करने और वहां हो रहे निर्माण कार्य की स्थिति पर 10 दिनों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, अदालत ने दरभंगा के जिलाधिकारी को तुरंत पंचायत भवन के निर्माण कार्य को रोकने का सख्त आदेश दिया है।

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अदालत ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए साफ किया है कि अदालती आदेश की अवहेलना अस्वीकार्य है। मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी 2025 को होगी, जिसमें संबंधित अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। अदालत के इस रुख से यह स्पष्ट है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा अदालती आदेशों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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Prof Of Dharma Shastra In KSDSU Darbhanga . Has A Over 40 Year Experience In Teaching and also done research in Maithili. Able to read pandulipi
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