लॊक कथा

जहाँ आप गा सकते हैं किन्तु नाच नहीं सकते
आलेख, कथा-सागर, लॊक कथा

जहाँ आप गा सकते हैं किन्तु नाच नहीं सकते

मिथिला के लोक जीवन की एक विडंबना है कि यहाँ लोकनृत्य का लगभग अभाव-सा है | विवाह आदि के अवसर पर भी मिथिला में लोक-नृत्य का कोई चलन नहीं है और यह बात हर जाति,हर वर्ग पर लागू होती है |

जहाँ आप गा सकते हैं किन्तु नाच नहीं सकते Read Post »

मैथिली कविता - हमर आशानन्‍द भाई
लॊक कथा

मैथिली कविता – हमर आशानन्‍द भाई

हमर आशानन्‍द भाई, कमौआ ससुर के एकलौता जमाई मास में पन्‍द्रह दिन सासुरे में डेरा।पबै छथि काजू-किशमिश, बर्फी-पेड़ा।।भोजन में लगैत

मैथिली कविता – हमर आशानन्‍द भाई Read Post »

गोनू झा के ग्रह-दोष निवारण - मैथिली कहानी
कथा-सागर, लॊक कथा

गोनू झा के ग्रह-दोष निवारण – मैथिली कहानी

गोनू झा के ग्रह-दोष निवारण – मैथिली कहानी -गोनू झा राजदरबार मे नियुक्त भऽ गेल छलैथ, सबटा गाँव गोनू झा पर गर्व कऽ रहल छल। गोनू गामक नाम जे रोशन केने छलैथ।

गोनू झा के ग्रह-दोष निवारण – मैथिली कहानी Read Post »

महाकवि विद्यापति की मैथिली काव्य रचनाएँ
लॊक कथा

महाकवि विद्यापति की मैथिली काव्य रचनाएँ

आज के इस आधुनिक युग में मिथिला में नाटक की परंपरा लगभग समाप्त हो चुकि है । अगर आप मिथिला से हैं तो आपने बचपन में देखा होगा बहुत सारे नाटक या रामायण मंडली गांव-गांव में अपने नाटय कला का प्रदशन करते थे ।

महाकवि विद्यापति की मैथिली काव्य रचनाएँ Read Post »

सामा चकेवा की कथा
लॊक कथा

सामा चकेवा की कथा

यह त्योहारहर साल कार्तिक माह के पहले सप्ताह में छठ के पारण दिन से बिहार, झारखंड, बंगाल, उड़ीसा और नेपाल में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है – यह त्योहार भाई-बहनों को एकजुट करता है

सामा चकेवा की कथा Read Post »

गॊनू झा के आधुनिक कहानी
कथा-सागर, लॊक कथा

गॊनू झा के आधुनिक कहानी

छोटॆ भाई भोनू झा को भी उम्मीद थी कि अगर गोनू बाबू अधिकारी बन गए, तॊ गाँव के झंझट और बँटवारे की समस्याएँ अपने आप खत्म हो जाएग़ी एवं भैंस तथा कम्बल दोनो मेरे हो जाएंगे ।

गॊनू झा के आधुनिक कहानी Read Post »

Scroll to Top