बिहार के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: एक ही पौधे से उगेंगे बैंगन और टमाटर, जानें इस अनोखी तकनीक के फायदे

बिहार के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: एक ही पौधे से उगेंगे बैंगन और टमाटर, जानें इस अनोखी तकनीक के फायदे

बिहार के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: एक ही पौधे से उगेंगे बैंगन और टमाटर, जानें इस अनोखी तकनीक के फायदे – बिहार के किसानों के लिए एक ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। एक ही पौधे से बैंगन और टमाटर उगाने की अनूठी तकनीक ने कृषि क्षेत्र में हलचल मचा दी है। ‘ब्रोमैटो’ नामक इस चमत्कारी पौधे को भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर), वाराणसी ने विकसित किया है। यह पौधा बिहार के किसानों को अधिक उत्पादन और आय का वादा करता है। आइए इस तकनीक और इसके फायदों पर विस्तार से चर्चा करें।

क्या है ब्रोमैटो और कैसे काम करता है?

ब्रोमैटो एक ग्राफ्टिंग तकनीक से विकसित पौधा है, जिसमें टमाटर और बैंगन को एक ही पौधे पर उगाया जाता है। इस प्रक्रिया में टमाटर और बैंगन के पौधों को जंगली पौधों के साथ जोड़कर उनकी क्षमता को बढ़ाया जाता है। इससे पौधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता और सूखा सहन करने की ताकत बढ़ती है।

ग्राफ्टिंग प्रक्रिया के फायदे:

  • जंगली पौधे की जड़ें पौधे को मजबूत बनाती हैं।
  • टमाटर और बैंगन दोनों के पौधों को एक साथ जोड़ने से उत्पादन अधिक होता है।
  • पौधे को बीमारियों और सूखे से बचाने में यह तकनीक बेहद कारगर है।

किसानों को कैसे मिलेगा लाभ?

1. दो फसलों का एक साथ उत्पादन:

ब्रोमैटो पौधा एक ही समय में बैंगन और टमाटर दोनों का उत्पादन करता है। किसानों को अब एक ही फसल में दोहरा मुनाफा मिलेगा।

  • हर 2-3 दिन में उत्पादन:
    यह पौधा हर 2-3 दिन में 2.5-3 किलो बैंगन और टमाटर पैदा करता है।
  • फलन का समय:
    पौधे का फलन मार्च से शुरू होगा और यह लगभग 2-2.5 महीने तक लगातार उत्पादन देगा।
और पढें  How to Book Appointment in Aadhaar Center 2025 | Complete Step-by-Step Guide

2. अधिक आय और कम लागत:

किसान अब एक ही पौधे से दो सब्जियों का उत्पादन कर सकते हैं, जिससे उनकी खेती की लागत घटेगी और मुनाफा बढ़ेगा।

3. बेहतर अनुकूलता:

  • ब्रोमैटो पौधे को सूखा सहने की क्षमता दी गई है।
  • यह रोग प्रतिरोधी है, जिससे किसानों को महंगे कीटनाशकों पर खर्च नहीं करना पड़ेगा।

4. तकनीकी प्रशिक्षण और सहायता:

आत्मा (कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण) ने किसानों को इस पौधे के रखरखाव के लिए विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया है।

  • किसानों को वाराणसी के आईआईवीआर में ले जाकर तकनीकी जानकारी दी गई।
  • प्रशिक्षण में पौधों की देखभाल, खाद प्रबंधन, और उत्पादन बढ़ाने की रणनीतियों पर चर्चा हुई।

ब्रोमैटो का वितरण और प्रभाव:

1. प्रारंभिक वितरण:

आत्मा ने 200 ब्रोमैटो पौधे बिहार के विभिन्न प्रखंडों के किसानों में वितरित किए हैं।

  • पीरपैंती, सन्हौला, कहलगांव, खरीक, शाहकुंड और नवगछिया जैसे प्रखंडों में इन पौधों को सैंपल के रूप में दिया गया।
  • हर किसान को पौधों की देखभाल और फसल के अधिक उत्पादन के टिप्स दिए गए।

2. उत्पादन क्षमता:

विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रोमैटो पौधा पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक उत्पादन करेगा।

  • बैंगन और टमाटर की ताजगी:
    पौधे से प्राप्त बैंगन और टमाटर ताजगी से भरपूर होंगे, जो बाजार में उच्च दाम पर बिकेंगे।
  • लंबा फलन समय:
    2-2.5 महीने तक यह पौधा निरंतर उत्पादन करता रहेगा।
और पढें  PM kisan KYC Online 2025-पीम किसान का KYC ऑनलाइन कैसे करे घर बैठे

ब्रोमैटो से भविष्य की उम्मीदें

ब्रोमैटो केवल एक पौधा नहीं, बल्कि कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति का संकेत है। ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर राजीव लोचन का कहना है कि यह पौधा किसानों के लिए वरदान साबित होगा।

  • रोजगार के अवसर:
    अधिक उत्पादन के कारण किसानों के साथ-साथ बागवानी क्षेत्र में भी रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
  • नवाचार का प्रसार:
    बिहार में यह तकनीक अन्य जिलों और राज्यों में भी फैल सकती है, जिससे देश के कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव की उम्मीद है।

कैसे करें ब्रोमैटो की खेती? (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)

  1. पौधे प्राप्त करें:
    किसानों को आत्मा या कृषि विभाग से संपर्क कर ब्रोमैटो पौधे प्राप्त करने होंगे।
  2. रोपण प्रक्रिया:
    • पौधों को उचित जल निकासी वाली जमीन पर लगाएं।
    • खाद और सिंचाई का ध्यान रखें।
  3. देखभाल और पोषण:
    • पौधों को नियमित रूप से निरीक्षण करें।
    • जैविक खाद और कीटनाशकों का उपयोग करें।
  4. फलन का इंतजार करें:
    मार्च से फलन शुरू होगा। हर 2-3 दिन में पौधों से फसल लें।

FAQ – ब्रोमैटो और इसकी खेती से जुड़े सवाल

प्रश्न 1: ब्रोमैटो पौधे से कितने बैंगन और टमाटर प्राप्त होंगे?
उत्तर: प्रत्येक पौधा हर 2-3 दिन में लगभग 2.5-3 किलो बैंगन और टमाटर का उत्पादन करता है।

प्रश्न 2: ब्रोमैटो पौधा किस तकनीक से तैयार किया गया है?
उत्तर: यह ग्राफ्टिंग तकनीक का उपयोग करके तैयार किया गया है, जिसमें जंगली पौधों के साथ टमाटर और बैंगन को जोड़ा जाता है।

और पढें  Bihar Krishi Bijli Connection Yojana 2025 Online Apply : सरकार दे रही है बिहार के किसानो को मुफ्त बिजली कनेक्शन ऑनलाइन आवेदन शुरू

प्रश्न 3: क्या यह पौधा सभी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है?
उत्तर: हां, यह पौधा अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में बेहतर उगता है और सूखा सहन कर सकता है।

प्रश्न 4: क्या ब्रोमैटो पौधे की खेती से मुनाफा अधिक होगा?
उत्तर: हां, यह पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक उत्पादन और आय प्रदान करता है।

निष्कर्ष

ब्रोमैटो पौधा केवल एक तकनीकी नवाचार नहीं, बल्कि बिहार के किसानों के लिए सपनों का एक नया द्वार है। यह न केवल उनकी आय को बढ़ाएगा, बल्कि कृषि में नए अवसर भी प्रदान करेगा। अगर आप भी इस क्रांतिकारी तकनीक का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो ब्रोमैटो की खेती अपनाएं और खेती के भविष्य को समृद्ध बनाएं।

अपनी राय भॆजॆं | संपादक कॊ पत्र लिखॆं | Facebook पर फॉलो करें |

भगवान जी झा मिथिला के जाने-माने समाचार संपादक हैं। TheMithila.com पर वे मिथिला की भाषा, संस्कृति और परंपराओं को समर्पित लेखों के जरिए क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का प्रयास करते हैं।
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Scroll to Top